Anant Ambani Radhika Merchant Wedding: रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) के छोटे बेटे अनंत अंबानी (Anant Ambani) की शादी राधिका मर्चेंट (Radhika Merchant) से 12 जुलाई को संपन्न हो गई है. इस शादी के लिए लगभग 6 महीने से कार्यक्रम जारी थे. अंबानी फैमिली ने शादी से पहले दो प्री वेडिंग कार्यक्रम भी आयोजित किए थे. इन कार्यक्रमों में देश-विदेश के कई गणमान्य लोग शामिल हुए.


इनमें बिजनेस, एंटरटेनमेंट, स्पोर्ट्स और राजनीति से जुड़ी हस्तियां भी शामिल रहीं. कारोबार जगत के लिए अनंत और राधिका की शादी के कई मायने थे. इस शादी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) को एक ब्रांड के तौर पर पूरी दुनिया में स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई है. 


भारत में शादी होने से लोकल इकोनॉमी को हुआ फायदा


विशेषज्ञों के अनुसार, अन्य अमीरों की से इतर अंबानी फैमिली ने शादी के कार्यक्रम भारत में आयोजित किए. इससे लोकल इकोनॉमी को बूस्ट मिला. साथ ही दुनियाभर से आए लोगों के बीच एक बिजनेस ग्रुप के तौर पर रिलायंस इंडस्ट्रीज का सम्मान भी बढ़ा है. पूरी दुनिया की मीडिया की नजर भी भारत के सबसे अमीर शख्स के घर में हो रही इस शादी और उसमें आ रहे मेहमानों पर थी. इस शादी में जस्टिन बीबर और रिहाना समेत कई ग्लोबल सुपरस्टार मौजूद रहे. 


अनंत और राधिका की शादी के ज्यादातर पैसे भारतीयों की जेब में गए  


बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, इंडस्ट्री एक्सपर्ट का कहना है कि भारत में शादी होने की वजह से कई स्थानीय कलाकारों और कारोबारियों को काम मिला. इससे ब्रांड रिलायंस की छवि आम लोगों में और मजबूत हुई है. शादी पर खर्च हुआ ज्यादातर पैसा भारतीयों के पास गया. देश की वेडिंग इंडस्ट्री को भी अनंत और राधिका की शादी से फायदा पहुंचा है. नई नौकरियां पैदा हुईं, गतिविधियां बढ़ीं और लोगों के हाथ में ज्यादा पैसा पहुंचा. 


विदेश में होने वाली शादियों से डूब जाते हैं 1 लाख करोड़ रुपये के अवसर 


कंफेडरशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के मुताबिक, हर साल लगभग 5000 अमीर लोग अपनी शादियां विदेशी लोकेशन पर करते हैं. इससे हर साल स्थानीय कारोबारियों के हाथ से लगभग 1 लाख करोड़ रुपये के अवसर निकल जाते हैं. इसके अलावा विदेश में होने वाली इन महंगी शादियों से सरकारी खजाने को भी टैक्स और सेस का नुकसान होता है. शादियों में 80 फीसदी खर्च गुड्स और सर्विसेज पर होता है. एक अनुमान के मुताबिक, साल 2024 में लगभग 38 लाख शादियां होंगी, जिनमें करीब 4.74 लाख करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. 


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