भारत व एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी के छोटे बेटे अनंत अंबानी एक बर फिर से सैकड़ों जानवरों को बचाने के लिए आगे आए हैं. उनके वनतारा फाउंडेशन ने नामीबिया सरकार से जानवरों का वध रोकने का आग्रह किया है.


अनंत अंबानी ने जाहिर की ये दिलचस्पी


दरअसल अफ्रीकी देश नामीबिया सूखे और अकाल से जूझ रहा है. इसके चलते वहां की सरकार ने जानवरों को मारने का फैसला लिया है. भारत स्थित नामीबिया के दूतावास को लिखे पत्र में वनतारा ने जानवरों को संरक्षण देने का इरादा जताया है. वनतारा ने लिखा है कि वे नामीबिया सरकार द्वारा मारे जाने के लिए चिन्हित जानवरों को उम्र भर या अस्थाई तौर पर घर देने केलिए तैयार हैं, ताकि जानवरों की कीमती जानें बचाई जा सकें.


इतना गंभीर है नामीबिया का संकट


संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि सूखे के कारण नमीबिया की लगभग 84 फीसदी खाद्य आपूर्ति समाप्त हो गई है. देश में उपजे खाद्य संकट से निपटने के लिए 700 से अधिक जंगली जानवरों को मारने की तैयारी की गई है. नामीबिया के पर्यावरण, वानिकी एवं पर्यटन मंत्रालय द्वारा घोषित लिस्ट के अनुसार, 83 हाथियों, 60 भैंसों, 30 दरियाई घोड़ों, 100 ब्लू वाइल्डबीस्ट, 50 इम्पाला और 300 जेब्रा को मारा जाना है.


अनंत अंबानी की संस्था को ये भरोसा


वनतारा ने जानवरों की हत्या को रोकने के लिए नामीबिया की सरकार और वहां के अन्य संगठनों के साथ मिलकर काम करने की इच्छा जाहिर की है. वनतारा संस्थान को भरोसा है कि सब मिलकर इन जानवरों को एक नई जिंदगी दे पाएंगे. नमीबिया दूतावास की ओर से अभी कोई उत्तर नहीं मिला है, पर वनतारा को उम्मीद है कि वे जानवरों को बचा पाएंगे. 


वनतारा में रखा जा रहे इतने जानवरों का ख्याल


आपको बता दें कि वनतारा के कर्ता-धर्ता अनंत अंबानी वन्यजीवों से प्रेम के लिए जाने जाते हैं. अनंत ने ही वनतारा की कल्पना की थी. आज वनतारा में 200 से अधिक हाथी व 300 से अधिक बाघ, शेर, जगुआर और तेंदुए जैसे जंगली जानवर हैं. 3500 हजार एकड़ में फैले वनतारा में जानवरों की देखभाल के लिए 2 हजार से अधिक कर्मचारी हैं. इसके अलावा वर्ल्ड क्लास अस्पताल और रिसर्च सेंटर भी वनतारा का हिस्सा हैं.


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