आंध्र प्रदेश के CM चंद्रबाबू नायडू की 931 करोड़ की वेल्थ का रहा मनमोहन सिंह से कनेक्शन, खबर जो करेगी हैरान
Heritage Foods Limited: चंद्रबाबू नायडू के पास खुद हेरिटेज फूड्स लिमिटेड में कोई शेयर नहीं है लेकिन उनकी पत्नी भुवनेश्वरी नारा के पास इस कंपनी की 24.37 फीसदी हिस्सेदारी है.
Heritage Foods Limited: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को देश के सबसे अमीर मुख्यमंत्री के तौर पर जाना जाता है और केंद्र की सत्ताधारी एनडीए सरकार में इनकी पार्टी टीडीपी का अहम योगदान है. अब एक जानकारी के मुताबिक चंद्रबाबू नायडू की वैल्थ का 82 फीसदी हिस्सा ऐसी जगह से आ रहा है जिसका पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत मनमोहन सिंह से बड़ा कनेक्शन है. आप भी जानिए...
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू की 931 करोड़ रुपये की संपत्ति का लगभग 82 परसेंट हिस्सा डेयरी प्रोडक्ट्स रिटेल बिक्री फर्म में उनके परिवार की हिस्सेदारी के चलते आ रहा है. इसी कंपनी के अधिकारियों ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के तीन दशक से ज्यादा समय पहले भारतीय अर्थव्यवस्था को खोलने के तुरंत बाद हेरिटेज फूड्स लिमिटेड की स्थापना की गई थी.
हालांकि चंद्रबाबू नायडू के पास खुद हेरिटेज फूड्स लिमिटेड में कोई शेयर नहीं है लेकिन उनकी पत्नी भुवनेश्वरी नारा के पास इस कंपनी की 24.37 फीसदी हिस्सेदारी है. हेरिटेज फूड्स लिमिटेड में 24.37 फीसदी हिस्सेदारी की कुल कीमत लगभग 763 करोड़ रुपये है लेकिन ये चंद्रबाबू नायडू की पत्नी के पास है. इस खरीदारी को आंध्र के मुख्यमंत्री की नेटवर्थ के रूप में गिना जाता है.
हेरिटेज फूड्स लिमिटेड को 1992 में स्थापित किया गया था और 1994 में शेयर बाजारों में लिस्ट हुई थी. ये एक मिल्क और डेयरी प्रोडक्ट्स रिटेल सेलर है. यह कंपनी तब स्थापित की गई थी जब नायडू सिर्फ एक विधायक थे और कंपनी के स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड होने के बाद वह राज्य के मुख्यमंत्री बन गए. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की एक रिपोर्ट में नायडू को 931 करोड़ रुपये से ज्यादा की प्रॉपर्टी के साथ सबसे अमीर मुख्यमंत्री बताया गया है.
हेरिटेज फूड्स लिमिटेड साल 1994 में सार्वजनिक हुई और ये 1994 में लिस्टेड होने के बाद 25 करोड़ रुपये के मार्केट कैप पर पहुंच गई थी. कंपनी के ग्रोथ करने के बाद कंपनी का मार्केट कैप भी खूब चढ़ा. एक रिटेल फर्म, जिसे कोई सरकारी सब्सिडी या दूसरी मदद नहीं मिलती है, केवल तभी बढ़ सकती है जब उसके उत्पादों को पब्लिक स्वीकार करती है.
साल 1992 में देश में दूध का सरप्लस था और दूध किसानों के सामने मार्केटिंग का संकट था. ये ही वो समय था जब तत्कालीन केंद्रीय वित्त मंत्री मनमोहन सिंह ने 1991-92 में अर्थव्यवस्था को उदार बनाया और प्राइवेट कैपिटल के लिए कई सेक्टर्स को खोल दिया. डेयरी सेक्टर को भी उदार बनाया गया और निजी उद्यमियों को मिल्क प्रोसेसिंग और डिस्ट्रीब्यूशन में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया गया. इसका हेरिटेज फूड्स को भी बड़ा फायदा मिला.
जब नायडू 1994 में पहली बार सीएम बने, उन्होंने कंपनी में अपना पद छोड़ दिया और तब उनकी पत्नी कंपनी में एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर बनीं और इसके बाद मैनेजिंग डायरेक्टर भी बनीं.
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