Sterlite Tech: अनिल अग्रवाल की वेदांता को यूएस में लगा बड़ा झटका, ऑप्टिक फाइबर कंपनी पर 800 करोड़ से ज्यादा का जुर्माना
Anil Agarwal Firm Fine: अमेरिका की कोर्ट ने लगभग 3 साल से चले आ रहे इस मामले में अब जाकर आदेश सुनाया है, जो अनिल अग्रवाल के वेदांता समूह की कंपनी के खिलाफ गया है...
भारतीय कारोबारी अनिल अग्रवाल के वेदांता समूह को अमेरिका में तगड़ा झटका लगा है. एक अमेरिकी कोर्ट ने समूह की एक कंपनी के ऊपर 800 करोड़ रुपये से ज्यादा का जुर्माना लगा दिया है. यह मामला ट्रेड सीक्रेट से जुड़ा हुआ है.
इस कारण लगा 800 करोड़ से ज्यादा जुर्माना
यह जुर्माना वेदांता समूह की ऑप्टिक फाइबर बनाने वाली कंपनी स्टरलाइट टेक्नोलॉजीज (एसटीएल) की अमेरिकी सब्सिडियरी एसटीआई के ऊपर लगा है. एसटीआई ने खुद एक बयान में यूएस कोर्ट के द्वारा जुर्माना लगाए जाने की जानकारी दी है. कंपनी ने एक बयान में बताया है कि अमेरिकी कोर्ट के द्वारा ट्रेड-रिलेटेड अधिकारों के उल्लंघन के मामले में उसके ऊपर 96 मिलियन डॉलर (करीब 806 करोड़ रुपये) का जुर्माना लगाया गया है.
इटली की इस कंपनी के सीक्रेट से जुड़ा मामला
इस मामले में अनिल अग्रवाल की कंपनी एसटीआई के ऊपर आरोप लगा था कि उसके पास अवैध रूप से इटली की कंपनी प्रिसमियन के ट्रेड सीक्रेट हैं. उन सीक्रेट में ग्राहकों, नए उत्पादों और विनिर्माण के विस्तार की योजनाएं भी शामिल हैं. इस मामले में साउथ कैरोलाइना में तीन साल से मुकदमा चल रहा था. मामले में अब जाकर आदेश आया है, जो एसटीआई के खिलाफ है.
फैसले को चुनौती देगी एसटीआई
अनिल अग्रवाल की कंपनी का कहना है कि वह कोर्ट के फैसले से सहमत नहीं है. कंपनी ने कहा है कि वह जल्दी ही कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली है. एसटीआई में अनिल अग्रवाल के वेदांता समूह की 45 फीसदी हिस्सेदारी है.
इस टॉप एक्जीक्यूटिव पर भी लगा जुर्माना
अमेरिकी कोर्ट ने स्टरलाइट टेक के साथ उसके एक टॉप एक्जीक्यूटिव के ऊपर भी भारी-भरकम जुर्माना लगाया है. यह जुर्माना स्टीफन स्जीमैंस्की पर लगा है. स्टीफन स्जीमैंस्की के ऊपर आरोप है कि उन्होंने प्रिसमियन के ट्रेड सीक्रेट का गलत तरीके से इस्तेमाल किया. वह अगस्त 2020 में स्टरलाइट टेक जॉइन करने से पहले नॉर्थ अमेरिका में प्रिसमियन का ऑप्टिकल फाइबर बिजनेस संभालते थे. उनके ऊपर अमेरिकी कोर्ट ने 2 लाख डॉलर का जुर्माना लगाया है.
एसटीआई की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि वह अमेरिकी बाजार में ऑफर किए जा रहे अपने प्रोडक्ट में विस्तार करने पर फोकस बनाए रखेगी. कंपनी सरकार द्वारा फंडेड और प्राइवेट फाइबर ब्रॉडबैंड दोनों तरह के प्रोजेक्ट के ग्राहकों को सेवाएं देती रहेगी. कंपनी का कहना है कि वह अमेरिकी बाजार, अपने कर्मचारियों, डिस्ट्रिब्यूटर्स, सेल्स एजेंट और ग्राहकों के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है.
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