Reliance Naval Defence & Engineering: अनिल अंबानी की परेशानी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. रिलायंस कैपिटल की नीलामी के बाद अब अनिल अंबानी की एक और कंपनी बिक्री के लिए तैयार है. नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) की अहमदाबाद विशेष पीठ ने इसकी मंजूरी दे दी है. अनिल अंबानी की यह कंपनी नेवल डिफेंस एंड इंजीनियरिंग है, जिसपर बैंकों का भारी कर्ज है. 


स्वान एनर्जी के नेतृत्व वाली हेज़ल मर्केंटाइल कंसोर्टियम अनिल अंबानी की कंपनी को खरीदने की रेस में सबसे आगे है और इसने 2,700 करोड़ रुपये की बोली लगाई है. रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर (Reliance Infrastructure) ने एक फाइलिंग ने कहा कि एनसीएलटी (NCLT) ने रिलायंस नेवल के लिए हेज़ल मर्केंटाइल की योजना को मंजूरी दे दी है. साथ ही एनसीएलटी ने जिंदल स्टील एंड पावर और रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर की दायर याचिका को खारिज कर दिया है. 


शेयरों में लगा अपर सर्किट 


अनिल अंबानी की कंपनी के ब्रिकी को मंजूरी मिलने के बाद शुक्रवार 23 दिसंबर को इसके शेयर 5 फीसदी तक बढ़ गए. हालांकि बाद में थोड़ा नीचे आकर 4.26 प्रतिशत की उछाल के साथ 2.45 फीसदी पर बंद हुए. बता दें कि इस कंपनी के शेयर इस साल कई महीने से ट्रेडिंग पर बंद थे. इस साल के शुरुआत में स्वान एनर्जी को रिलायंस नेवल शिपयार्ड के लिए विजेता बोलीदाताओं के रूप में एलओआई जारी किया गया था. यह अनिल अंबानी की दिवालिया कंपनी रिलायंस नेवल एंड इंजिनियरिंग लिमिटेड की समाधान की दिशा में एक और अच्छा कदम माना जा रहा है. 


इन बैंकों का है कर्ज 


NCLT की मंजूरी से अनिल अंबानी की कंपनी के समाधान के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है. अनिल अंबानी की कंपनी पर भारतीय स्टेट बैंक और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया समेत कुल 12,429 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज है. ऐसे में बैंकों और वित्तीय लेनदारों ने 26 महीने पहले वसूली के लिए इस प्रक्रिया की शुरुआत की थी. 


हेजल मार्केटाइल ने लगाई सबसे अधिक बोली 


भारी कर्ज में डूबे इस कंपनी के लिए 2,700 करोड़ रुपये के साथ हेजल मार्केटाइल ने सबसे अधिक बोली लगाई है. फिर लंबे समय से चल रहे इस प्रक्रिया में हेजल मार्केटाइल को NCLT की मंजूरी मिल चुकी है. बता दें हाल ही में NCLT ने रिलायंस जियो (Reliance Jio) को रिलायंस इंफ्राटेल ( Reliance Infratel) के अधिग्रहण की मंजूरी दी है. 


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