अनिल अंबानी लगातार गहरे संकट में फंसते जा रहे हैं. उनकी कंपनी रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर अपना 3,315 करोड़ का कर्ज चुकाने में नाकाम रही है. इसके साथ ही रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर की प्रमोटेड कंपनी रिलायंस नेवल एंड इंजीनियरिंग लिमिटेड को कर्ज देने वालों ने इसे बेचने की तैयारी शुरू कर दी है. इसमें दिलचस्पी रखने वाली कंपनियों से प्रस्ताव मंगाए गए हैं.
33 कंपनियों से लिया था लोन,चुकाना हो रहा मुश्किल
रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर की वार्षिक रिपोर्ट ( 2019-20) में कहा गया है यह अपना 3315 करोड़ रुपये का लोन चुकाने में डिफॉल्ट कर चुकी है. कंपनी मूलधन और ब्याज दोनों चुकाने में नाकाम रही है. कंपनी 33 अलग-अलग कर्जदाताओं और नॉन कन्वर्टेबल डिबेंचर सीरीज (NCD) सीरीज का पैसा चुकाने में नाकाम रही है.
इस बीच, समूह की कंपनी रिलायंस नेवल एंड इंजीनियरिंग को आईबीसी के तहत बेचने की तैयारी शुरू हो गई है. इस पर 43,587 करोड़ रुपये का कर्ज है और इसकी वसूली के लिए इसे बेचने की प्रक्रिया शुरू हुई है. इसकी प्रमोटर कंपनी रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर ही है.
जब अनिल अंबानी ने कहा, मेरे पास एक भी पैसा नहीं
अनिल अंबानी कभी दुनिया के छठे अमीर शख्स हुआ करते थे. लेकिन आज उनके सितारे गर्दिश में है. अपने भाई मुकेश अंबानी के मुकाबले वह एसेट खड़ा करने की दौड़ में काफी पिछड़ गए हैं. इनकी कंपनियों पर 90 हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा का कर्ज है.
अनिल अंबानी को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया उनके कम्यूनिकेशन, इन्फ्रास्ट्रक्चर और फाइनेंशियल बिजनेस ने. उनकी मुश्किलें 2014 से बढ़नी शुरू हो गईं.
मार्च 2008 में अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली कंपनी का मार्केट कैपिटलाइजेशन 2 लाख 36 हजार करोड़ से भी ज्यादा था लेकिन फरवरी 2019 में इसकी कीमत सिर्फ 25 हजार करोड़ रुपये रह गई. जब तीन चीनी कंपनियों ने अपने 5 हजार करोड़ रुपये के कर्ज की वसूली के लिए उनके खिलाफ ब्रिटेन की अदालत में दावा ठोका तो अनिल अंबानी ने कहा कि उनके पास एक भी पैसा नहीं है. उनकी नेटवर्थ जीरो है.