Reliance Capital: देश के सबसे अमीर आदमी मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) के भाई अनिल अंबानी (Anil Ambani) के ऊपर सेबी (SEBI) ने 5 साल का प्रतिबंध लगा दिया है. साथ ही उन पर 25 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. सेबी का यह एक्शन अनिल अंबानी और उनकी कंपनियों के लिए संकट को और बढ़ाने वाला है. इसके साथ ही कभी अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप (ADAG) का चमकता सितारा रही कंपनी रिलायंस कैपिटल (Reliance Capital) एक बार फिर से चर्चाओं में आ गई है. आज हम आपको इसी कंपनी के अर्श से फर्श पर आने की कहानी बताने जा रहे हैं.


रिलायंस होम फाइनेंस के पैसों का किया था हेरफेर 


सेबी के अनुसार, अनिल अंबानी ने रिलायंस होम फाइनेंस (Reliance Home Finance) के प्रबंधकीय पदों पर तैनात लोगों की मदद लेकर फ्रॉड को अंजाम दिया. इन लोगों ने मिलकर रिलायंस होम फाइनेंस के पैसों को अन्य कंपनियों में भेजा. रिलायंस होम फाइनेंस को भी सिक्योरिटी मार्केट से 6 महीने के लिए प्रतिबंधित किया गया है. साथ ही कंपनी के ऊपर 6 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. सेबी ने अमित बापना, रवींद्र सुधालकर और पिंकेश आर शाह समेत कई कंपनियों के खिलाफ भी कार्रवाई की है. 


70 हजार करोड़ रुपये की कंपनी बन गई थी रिलायंस कैपिटल


इस एक्शन के बीच रिलायंस कैपिटल के बारे में चर्चा होने लगी है. साल 2002 में अनिल अंबानी को रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) के बंटवारे के बाद फाइनेंशियल सर्विसेज, पावर और टेलीकॉम बिजनेस मिला था. साल 2007 आते-आते रिलायंस कैपिटल 70 हजार करोड़ रुपये का मार्केट कैप हासिल करके एचडीएफसी से भी बड़ी हो चुकी थी. यह देश की टॉप 3 फाइनेंशियल कंपनियों में शामिल हो चुकी थी. साल 2008 में ग्लोबल आर्थिक मंदी के बावजूद कंपनी तेजी से आगे बढ़ती रही. 


इंफ्रा, डिफेंस और मीडिया सेक्टर में भी रख दिए थे कदम 


इसके बाद अनिल अंबानी ने इंफ्रा, डिफेंस और मीडिया सेक्टर में भी कदम रखे. इसके बाद उनके सामने आर्थिक समस्याएं आने लगीं. रिलायंस कम्युनिकेशंस (Reliance Communications) को सीडीएमए से जीएसएम टेक्नोलॉजी का रास्ता तय करने में बड़ी समस्या हुई. साल 2018 में रेटिंग एजेंसियों ने रिलायंस कैपिटल की समस्याओं के बारे में आगाह किया. इसके बाद आईएलएंडएफएस (IL&FS) और डीएचएफएल (DHFL) के डूबने से स्थिति और गंभीर हो गई. इसके ठीक एक साल बाद 2019 में अनिल अंबानी ने ब्रिटेन की एक अदालत के सामने दिवालिया घोषित करने की कार्रवाई शुरू की. 


आरबीआई ने 2021 में शुरू कर दी थी दिवालिया प्रक्रिया 


साल 2021 में रिलायंस कैपिटल की सब्सिडियरी रिलायंस होम फाइनेंस (Reliance Home Finance) और रिलायंस कॉमर्शियल फाइनेंस (Reliance Commercial Finance) के डिफॉल्ट हो जाने के साथ ही कंपनी फर्श पर धड़ाम हो गई. नवंबर, 2021 में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने मोर्चा संभालते हुए रिलायंस कैपिटल के बोर्ड को भंग कर दिया और दिवालिया प्रक्रिया शुरू कर दी. इसके साथ ही फाइनेंशियल सेक्टर का चमकता सितारा रही यह कंपनी डूब गई.


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