नई दिल्ली: रिलायंस कम्युनिकेशंस के अध्यक्ष अनिल अंबानी इस वित्त वर्ष में कोई तनख्वाह या कमीशन नहीं लेंगे क्योंकि उनकी कंपनी भारी कर्ज और निम्न क्रेडिट रेटिंग से जूझ रही है. कंपनी के टॉप मैनेजमेंट ने भी इस साल के आखिर तक अपने निजी वेतन को 21 दिन तक टालने का फैसला किया है.


रिलायंस कम्यूनिकेशन्स ने बयान जारी कर किया ऐलान


रिलायंस कम्यूनिकेशन्स (आरकॉम) ने यहां जारी एक बयान में कहा, रिलायंस ग्रुप के प्रेसिडेंट अनिल डी अंबानी ने मर्जी से मौजूदा वित्त वर्ष में आरकॉम से अपनी तनख्वाह या कमीशन नहीं लेने का फैसला लिया है. कंपनी ने कुछ कर्जदाताओं को पेमेंट नहीं किया है और उसे कर्ज की स्ट्रेटेजिक रीस्ट्रक्चरिंग स्कीम के लिए दिसंबर तक का वक्त मिला है. उसे 7 महीने में 45000 करोड़ रूपये का कर्ज चुकाना है. बाजार में लगातार बढ़ते जा रहे कड़े मुकाबले के चलते आरकॉम के ग्राहक तेजी से घट रहे हैं. कंपनी एक साल के अंदर 2 करोड़ ग्राहक गंवा बैठी है.


रेटिंग एजेंसियों ने घटाया है आरकॉम का आउटलुक


इसके अलावा रेटिंग एजेंसियों ने भी पिछले कुछ समय से आरकॉम के लिए अपना आउटलुक घटाया है. फिच, इकरा और मूडीज ने आरकॉम की रेटिंग घटा दी है. हालांकि अनिल अंबानी ने भरोसा जताया है कि दिसंबर से पहले यानी सितंबर तक 2 सौदों से आरकॉम के कर्ज का बोझ घटकर 20,000 करोड़ रुपये रह जाएगा. आरकॉम ने कहा कि एयरसेल और बुकफील्ड सौदे 30 सितंबर, 2017 तक पूरा होने का लक्ष्य रखा गया है. इन सौदों के पूरा होने के लिए कुछ मंजूरी का इंतजार है और इनके मिलने पर ये सौदे समय पर पूरे कर लिए जाएंगे. इन प्रोजेक्ट्स के पूरे होने पर कंपनी पर आया हुआ कुल लोन 60 फीसदी या 25,000 करोड़ रुपये घट जाएगा और कंपनी की स्थिति में अच्छा सुधार आएगा.


इन्हीं सब खराब खबरों के दौर में आज रिलायंस कम्युनिकेशंस के चेयरमैन अनिल अंबानी ने चालू वित्त वर्ष के दौरान कंपनी से कोई वेतन नहीं लेने का फैसला किया है.


गौरतलब है कि अनिल अंबानी और मुकेश अंबानी दिवंगत दिग्गज कारोबारी धीरूभाई अंबानी के बेटे हैं. जहां बड़े भाई मुकेश अंबानी के रिलायंस इंडस्ट्रीज और रिलायंस जियो के मालिक हैं वहीं छोटे भाई अनिल अंबानी रिलायंस कम्यूनिकेशन्स, रिलायंस कैपिटल, रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी कंपनियों के मालिक हैं. हालांकि कुछ समय से अनिल अंबानी के लिए बुरा दौर चल रहा है और जबसे जियो ने टेलीकॉम सेक्टर में एंट्री की है तबसे और दूरसंचार कंपनियों के साथ रिलायंस कम्यूनिकेशन्स के ग्राहकों की संख्या में भी कमी देखी जा रही है.