Anmol Ambani Update: शेयर बाजार के रेगुलेटर सेबी ने  उद्योगपति अनिल अंबानी (Anil Ambani) के बेटे जय अनमोल अंबानी ( Jai Anmol Ambani) पर 1 करोड़ रुपये का पेनल्टी लगाया है. सेबी ने ये पेनल्टी रिलायंस होम फाइनेंस के मामले में बिना जांच पड़ताल के जनरल पर्पस कॉरपोरेट लोन को मंजूरी देने के चलते लगाया है. सेबी ने कृष्णन गोपालकृष्णन पर 15 लाख रुपये का जुर्माना लगाया, जो रिलायंस हाउसिंग फाइनेंस के मुख्य जोखिम अधिकारी के पद पर थे. सेबी ने अपने आदेश में कहा कि दोनों को 45 दिन के भीतर पेनल्टी का भुगतान करना होगा. 


सेबी (Securities and Exchange Board of India) ने  सोमवार 23 सितंबर 2024 को अपने आदेश में बताया कि उसने रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (Reliance Home Finance Limited) के मामले में चल रही जांच को पूरा कर लिया है. रेगुलेटर ने बताया कि उसने जो जांच को पूरा किया है उसमें उसने पाया कि जिन लोगों को नोटिस जारी किया गया था उन लोगों ने सेबी की लिस्टिंग और डिस्क्लोजर रेगुलेशंस का उल्लंघन किया है. सेबी ने अपने आदेश मेंकहा कि रिलायंस होम फाइनेंस के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में शामिल अनमोल अंबानी ने सामान्य उद्देश्य के कॉरपोरेट लोन या जीपीसीएल लोन को मंजूरी दी थी और वह भी तब जब कंपनी के बोर्ड ने साफ तौर पर ये निर्देश दिया था कि ऐसे कर्ज को मंजूरी नहीं दी जाएगी. 


अनमोल अंबानी ने 14 फरवरी, 2019 को एक्यूरा प्रोडक्शंस प्राइवेट लिमिटेड को 20 करोड़ रुपये के लोन की मंजूरी दी जबकि बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने 11 फरवरी, 2019 को अपनी बैठक में मैनेजमेंट प्रबंधन को आगे कोई भी जीपीसीएल लोन जारी नहीं करने का निर्देश दिया था. शेयर बाजार के रेगुलेटर का ये आदेश तब आया है जब अगस्त 2024 में सेबी ने रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड के कोष की हेराफेरी से जुड़े एक मामले में अनिल अंबानी और 24 अन्य को पांच साल के लिए सिक्योरिटीज मार्केट से प्रतिबंधित कर दिया था साथ ही उन पर 25 करोड़ रुपये का पेनल्टी भी लगाया गया था. 


सेबी ने अपने आदेश में अनिल अंबानी समेत अन्य 24 लोगों जिसमें रिलायंस होम फाइनेंस के पूर्व सीनियर एग्जीक्यूटिव्स हैं उन्हें सिक्योरिटीज मार्केट में अगले पांच सालों तक के लिए बैन लगाने का आदेश दिया था.  सेबी ने कहा कि अनिल अंबानी ना तो सिक्योरिटी मार्केट के साथ किसी प्रकार से जुड़े रहेंगे और ना किसी लिस्टेड कंपनी में डायरेक्टर या मुख्य मैनेजिरियल पर्सनल के तौर पर कार्य करेंगे. साल 2018-19 में रिलायंस होम फाइनेंस के फंड डायवर्जन को लेकर मिली शिकायतों के बाद सेबी ने जांच की और पाया कि अनिल अंबानी ही इस फ्रॉड स्कीम के मास्टरमाइंड है जिसके चलते शेयरधारकों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है. 


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