Anna Sebastian Death: एना की मौत से सुधरेंगी भारतीय कंपनियां? NHRC ने कहा- कर्मचारियों के हिसाब से बनाएं कल्चर
National Human Rights Commission: नेशनल ह्यूमन राइट्स कमीशन ने भारतीय कंपनियों से कहा है कि वह सभी कर्मचारियों को सम्मान दें. अपने वर्क कल्चर को सुधारें और पॉलिसी को कर्मचारियों के हिसाब से बनाएं.
National Human Rights Commission: केरल की 26 वर्षीय सीए एना सेबेस्टियन पेराइल (Anna Sebastin Perayil) की दुखद मौत पूरे देश में चर्चा का विषय बनी हुई है. कंपनी द्वारा तथाकथित रूप से ज्यादा काम देने के चलते हुई एना की मौत ने भारतीय कंपनियों के कामकाज करने के तरीकों पर सवालिया निशान लगा दिए हैं. इस मसले पर अर्नस्ट एंड यंग इंडिया (Ernst & Young India) के चेयरमैन राजीव मेमानी (Rajiv Memani) की माफी के बाद भी लोगों का गुस्सा शांत नहीं हो रहा है. अब नेशनल ह्यूमन राइट्स कमीशन (NHRC) ने इस मसले पर देश में काम कर रही सभी कंपनियों को निर्देश दिए हैं. साथ ही एनएचआरसी ने लेबर मिनिस्ट्री (Labour Ministry) को भी नोटिस भेजकर 4 हफ्तों में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.
NHRC ने कंपनियों से वर्क कल्चर पर विचार करने को कहा
एनएचआरसी (National Human Rights Commission) ने सभी कंपनियों से कहा है कि वो अपने वर्क कल्चर पर फिर से विचार करें. साथ ही कर्मचारियों के हितों और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए अपनी नीतियां बनाएं. कंपनियों को अपने कर्मचारियों के लिए ग्लोबल ह्यूमन राइट्स स्टैंडर्ड के हिसाब से पॉलिसी बनानी चाहिए.
लेबर मिनिस्ट्री भी एना सेबेस्टियन की मौत की जांच कर रही है. वह ईवाई इंडिया (EY India) के पुणे दफ्तर में काम किया करती थीं. उनकी मौत नौकरी ज्वॉइन करने के 4 महीनों में ही 20 जुलाई को हो गई थी. यह मामला एना की मां अनीता ऑगस्टीन (Anita Augustine) के ईमेल के बाद सुर्खियों में आ गया था.
तनाव से जूझ रहे कर्मचारी, जिम्मेदारी को समझें बिजनेस
नेशनल ह्यूमन राइट्स कमीशन ने कहा कि मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, विभिन्न कंपनियों में काम कर रहे भारतीय युवा मानसिक दबाव में हैं. उन्हें नींद कम आती है और तनाव रहता है. इसके चलते उनका मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य बिगड़ता जा रहा है. उन्हें अव्यवहारिक लक्ष्य दिए जा रहे हैं और इन्हें पूरा करने का समय भी नहीं दिया जा रहा. यह मानवाधिकारों का उल्लंघन है. ऐसे में हर कंपनी की जिम्मेदारी है कि उन्हें काम करने के लिए सुरक्षित और सकारात्मक वातावरण मिले. कंपनियों को सुनिश्चित करना होगा कि कर्मचारियों के साथ गरिमापूर्ण और निष्पक्ष व्यवहार किया जाए. NHRC ने इस बात पर जोर दिया है कि सभी कंपनियों को मानवाधिकार के मुद्दों पर जवाबदेही लेनी चाहिए. देश में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए हम सभी को कदम उठाने पड़ेंगे.
Heartbreaking news from EY Pune - a young CA succumbed to the work pressure and nobody from EY even attended her funeral - this is so appalling and nasty!!! pic.twitter.com/pt8ThUKiNR
— Malavika Rao (@kaay_rao) September 17, 2024
एना के पिता सिबी जोसेफ ने कंपनी पर लगाए थे आरोप
एना के पिता सिबी जोसेफ (Sibi Joseph) ने शनिवार को कहा था- वह फोन पर रोते हुए कहती थी कि इतने तनाव और दबाव की वजह से वह सही से काम नहीं कर पा रही है. मैंने कई बार उसे इस्तीफा देने को कहा था. मगर, उसे लगता था कि यह पहली नौकरी है. वह यहां काफी सीख सकती है. वह देर रात तक काम करती थी. इसके अलावा उसे ओवरवर्क करना पड़ता था. कई बार वह वो काम भी करती थी, जो उसे नहीं करना चाहिए था. उसे न तो सोने का समय मिलता था और न ही खाने का. आखिरकार वह तनाव से जूझते हुए 20 जुलाई को अपने कमरे में बेहोश हो गई और हॉस्पिटल पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो गई.
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