Adani-DB Power Deal: हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों के बाद अडानी समूह के विस्तार योजना को एक और झटका लगा है. समूह की पावर कंपनी अडानी पावर ने डीबी पावर के अधिग्रहण करने के फैसले को ठंडे बस्ते में डाल दिया है. 7017 करोड़ रुपये में अडानी समूह को 15 फरवरी 2023 तक डीबी पावर के अधिग्रहण के लिए ट्रांजैक्शन पूरा करना था जो समय सीमा अब खत्म हो चुकी है. 


अमेरिकी शार्टसेलर हिंडनबर्ग के रिपोर्ट में अडानी समूह  पर लगाये गए अनियमितताओं के आरोपों के बाद समूह के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली. समूह के शेयरों में इस गिरावट के चलते कंपनी को अपने विस्तार योजनाओं का समीक्षा करना पड़ रहा है. क्योंकि हिंडनबर्ग के आरोपों के बाद कंपनी के लिए विस्तार योजनाओं को पूरा करने के लिए जरुरी पूंजी जुटाना, बड़ी चुनौती बनती जा रही है. इसी के चलते अडानी पावर ने डीबी पावर के अधिग्रहण के फैसले से अब पीछे हट गई है. 


भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग सीसीआई ने 29 सितंबर 2022 को अडानी पावर द्वारा डीबी पावर के अधिग्रहण को हरी झंडी दे दी थी. जिसके बाद डील को पूरा करने के लिए चार बार डेडलाइन बढ़ाया गया और आखिरी डेडलाइन 15 फरवरी 2023 था जो खत्म हो चुका है. अडानी पावर ने एक्सचेंजों को डील के एक्सपायर होने की सूचना दी है.  


इस डील के खत्म होने से अडानी पावर को झटका लगा है. क्योंकि कंपनी ऊर्जा के क्षेत्र में पूरे देश में विस्तार योजना को अंजाम देने पर जोर दे रही थी. इस डील के पूरा होने के बाद अडानी पावर निजी क्षेत्र में थर्मल पावर उत्पादन करने वाली सबसे बड़ी निजी कंपनी बन जाती. 2021 में कंपनी ने 26000 करोड़ रुपये में एसबी एनर्जी इंडिया का अधिग्रहण किया था.


अडानी पावर के पास पांच राज्यों में सात थर्मल पावर एसेट्स हैं जहां से 13.6 गीगावाट बिजली उत्पादन करने की क्षमता है. कंपनी 40 मेगावाट सोलर से भी बिजली उत्पादन करती है. 30 सितंबर 2022 तक कंपनी के ऊपर 36,031 करोड़ रुपये का कर्ज बकाया था. हिंडनबर्ग के आरोपों के बाद अडानी समूह के पहले अडानी इंटरप्राइजेज के एफपीओ को वापस लेना पड़ा ता अब डीबी पावर के अधिग्रहण के फैसले को रद्द करना पड़ा है. 


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