Indians' Dream Salary:  क्या आप जानते हैं कि आईटी जाएंट एपल के सीईओ टिम कुक की सैलरी भारत के 32 हजार लोगों की सालाना कमाई से भी अधिक है. 18 फीसदी हाइक के बाद टिम कुक की सालाना सैलरी 74.6 मिलियन डॉलर की भारत की सालाना प्रति व्यक्ति औसत आमदनी 1,84,205 रुपये से तुलना कर इसे आसानी से निकाला जा सकता है. भारत की प्रति व्यक्ति आय का आंकड़ा दिल्ली सरकार की ओर से जारी स्टैटिसटिक्स हैंडबुक से लिया गया है. एपल ने हाल ही में अपने सीईओ की सालाना सैलरी 18 फीसदी बढ़ाने की घोषणा की है. इस तरह उनकी सैलरी 2023 के 63.2 मिलियन डॉलर से बढ़कर 2024 में 74.6 मिलियन डॉलर हो गई है.


टिम कुक के स्टॉक अवार्ड वैल्यू का दिया हवाला


ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एपल ने टीम कुक की सैलरी इतना अधिक बढ़ाने के पीछे उनके स्टॉक के अवार्ड वैल्यू का हवाला दिया है. एपल का यह फैसला 25 फऱवरी को होने वाली कंपनी की एनुअल जेनरल मीटिंग यानी एजीएम से ठीक पहले आया है. टिम कुक की सैलरी समेत निवेशकों की ओर से आए चार प्रपोजल पर भी एजीएम में वोटिंग हो सकती है. एपल मैनेजमेंट ने इनके अलावा बाकी प्रपोजल को एजीएम में लाने का विरोध किया है. चार प्रपोजल के अलावा बाकी सभी को ब्लॉक कर दिया गया है.


एपल का डाइवर्सिटी, इक्विटी, इन्क्लूजन प्रोग्राम बंद नहीं होगा


एक निवेशक की ओर से एपल में चल रहे डाइवर्सिटी, इक्विटी और इन्क्लूजन प्रोग्राम को बंद करने का भी प्रपोजल लाया गया है, लेकिन इसे एजीएम में ले जाने से पहले ही खारिज कर दिया गया. इस प्रपोजल पर साफ कहा गया है कि यह प्रोग्राम बंद नहीं होगा. यह कहीं से भी भेदभाव को बढ़ावा नहीं दे रहा है. इससे पैदा होने वाले कानूनी जोखिमों का भी आकलन कर लिया गया है. ज्ञात हो कि एपल इस प्रोग्राम के तहत अपनी कंपनी में विभिन्न स्तरों पर अलग-अलग समुदाय के लोगों को जगह देता है. साथ ही उन सभी से समानता का बर्ताव करने की नीति का पालन करता है. डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति चुने जाने के बाद हार्ले डेविसन, मैकडोनाल्ड्स और वालमार्ट समेत कई कंपनियों ने या तो डाइवर्सिटी प्रोग्राम में कटौती की है या इसे खत्म कर दिया है.


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