ऐपल ने विस्ट्ऱॉन में श्रमिक विवाद पर कड़ा एक्शन लिया है. बेंगलुरू में आईफोन की कॉन्ट्रैक्ट मैन्यूफैक्चरर कंपनी विस्ट्ऱॉन में नियमित वेतन को लेकर हुए विवाद के बाद ऐपल ने विस्ट्रॉन को प्रोबेशन पर डाल दिया है. कंपनी ने कहा है कि जब तक विस्ट्रॉन मामला सुलझा नहीं लेती और दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करती तब तक ऐपल उसके साथ दुनिया के किसी भी देश में कोई सौदा नहीं करेगी.


ऐपल ने माना, श्रमिकों के साथ नाइंसाफी हुई


ऐपल ने एक बयान जारी कर कहा है कि जांच में हमने पाया कि विस्ट्रॉन मैनेजमेंट ने कर्मचारियों के साथ नाइंसाफी की और उन्हें सैलरी नहीं दी. हमारा मानना है कि सभी कर्मचारियों को इज्जत से जीने का हक है और वे समय पर सैलरी पाने के हकदार हैं. कर्मचारियों की सैलरी और कामकाज के अच्छे माहौल पर विस्ट्रॉन जब तक सुधार नहीं करती तब तक कंपनी कंपनी के साथ सभी बिजनेस डील होल्ड पर रहेंगे.


विस्ट्रॉन आईफोन बनाने वाली कंपनी ऐप के सबसे बड़े ग्लोबल सप्लायरों में से एक है. पिछले सप्ताह बेंगलुरु के पास विस्ट्रॉन के प्लांट में नाराज कर्मचारियों ने भारी तोड़फोड़ की थी. उनका कहना है कि उन्हें कई महीने से वेतन और बोनस नहीं मिला है. लॉकडाउन के बाद उनकी सैलरी में कटौती की गई. और जो सैलरी बनती है उसका भी पेमेंट नहीं हुआ. तोड़ फोड़ के बाद प्लांट को अस्थायी रूप से बंद करना पड़ा था. इस बीच कंपनी ने अपने वाइस प्रेसिडेंट को बर्खास्त कर दिया है. उनकी जिम्मेदारी आईफोन मैन्यूफैक्चरिंग के बिजनेस को देखने की थी.


कंपनी ने श्रम कानूनों का उल्लंघन किया


श्रम विभाग की शुरुआती जांच में पता चला है कि ऐपल की सप्लायर कंपनी विस्ट्रॉन और उसके वेंडरों ने कई नियमों का उल्लंघन किया है. शुरुआती ऑडिट में ही यह पता चल रहा है कि कंपनी ने कई श्रम कानूनों का उल्लंघन किया.विस्ट्रॉन के कर्मचारियों ने शिकायत की थी कि उन्हें सही तरीके से वेतन नहीं दिया जाता है। साथ महिला कर्मचारियों के लिए उचित व्यवस्था नहीं है। उनसे आठ के बजाय 12 घंटे काम लिया जाता है. विस्ट्रॉन में कुल 8,490 कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले श्रमिक हैं.स्थायी कर्मचारियों की संख्या 1,343 है.


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