नई दिल्लीः सरकारी तेल कंपनियों और सऊदी अरब की सऊदी अरैम्को ने महाराष्ट्र के रत्नागिरी मे रिफाइनरी सह पेट्रोकेमिकल कॉमप्लेक्स लगाने पर सहमति जतायी है. 3 लाख करोड़ रुपये की ये परियोजना 2025 तक चालू होने की उम्मीद है.


पूरी तरह से चालू हो जाने के बाद यहां हर रोज 12 लाख बैरल कच्चे तेल से पेट्रोल-डीजल वो दूसरे पेट्रोलियम उत्पाद तैयार हो सकेंगे. इस तरह की उत्पादन क्षमता के साथ ये दुनिया की आठ बड़ी रिफाइनरी सह पेट्रोकेमिकल्स कॉम्पलेक्स में से एक होगी. तेल मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री खालिद अल-फलीह की उपस्थिति में तेल कंपनियों ने सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए. इस परियोजना में सऊदी कंपनी और भारतीय कंपनियो की हिस्सेदारी 50-50 फीसदी होगी,. भारतीय कंपनियों में इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम शामिल है.


परियोजना के तहत ईंधन मानक भारत स्टैंडर्ड यानी बीएस-6 के अनुरुप पेट्रोल-डीजल तैयार होगा. ध्यान रहे कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में बीएस-6 मानक वाले पेट्रोल-डीजल की बिक्री पहली अप्रैल से शुरु हो गयी है जबकि बाकी देश में पहली अप्रैल 2020 तक से ऐसा करना जरुरी होगा. दूसरी ओऱ दुनिया के विभिन्न देशो में बीएस-6 मानक वाले ईंधन की मांग बढ़ रही है. ऐसे में नई रिफाइनरी के लिए बड़ा बाजार तैयार हो चुका है. दूसरी ओर कच्चे तेल के इस्तेमाल के जरिए हर साल 1.8 करोड़ टन पेट्रोकेमिकल्स प्रोडक्ट भी तैयार हो सकेंगे.


प्रधान का दावा है कि नई परियोजना के जरिए महाऱाष्ट्र में बड़े पैमाने पर प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष तरीके से रोजगार के नए मौके बनेगे. साथ ही परियोजना क्षेत्र वाले इलाके में आर्थिक बेहतरी देखने को मिलेगी. दूसरी ओर अल-फलीह का कहना था कि सऊदी अरब के लिए भारत प्राथमिकता वाले देशों में शामिल है. नई परियोजना के लिए जरुरत का कम से कम आधा कच्चा तेल वो मुहैया कराने को तैयार है.


सऊदी अरब के मंत्री ने भारत सरकार से आग्रह किया कि वो अरैम्को को यहां खुदरा कारोबार करने की इजाजत दे. “अरैम्कौ भारत में सिर्फ सामान तैयार करने तक ही सीमित नहीं रहना चाहती, बल्कि उसे खुद ही बेचना ही चाहेगी,” अल-फलीह ने कहा. ध्यान रहे कि इस समय देश भर में चार सरकारी कंपनियों, इंडियन ऑय़ल, भारत पेट्रोलियम, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और मंगलौर रिफाइनरी के पेट्रोल पंप तो है ही, उसके अलावा रिलायंस औऱ शेल के भी पेट्रोल पंप देश भऱ में अलग-अलग जगहों पर खुले हुए हैं.