Made in China: इस रिपोर्ट का दावा, पिछले एक साल में हर दूसरे भारतीय ने खरीदा मेड इन चाइना सामान
Chinese Products in India: भारत सरकार मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत पर खूब जोर दे रही है, फिर भी भारत में चाइनीज सामानों की खूब बिक्री हो रही है...
भारत सरकार देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मेक इन इंडिया पर काफी जोर दे रही है. हालांकि उसके बाद भी देश के बाजारों में चीन के सामानों की खपत खूब हो रही है. एक रिपोर्ट बताती है कि आधे से ज्यादा भारतीयों ने पिछले एक साल के दौरान कोई न कोई मेड इन चाइना सामान जरूर खरीदा है.
45 फीसदी लोगों ने बना ली दूरी
मेड इन चाइना सामानों और उनकी खपत को लेकर यह रिपोर्ट तैयार की है लोकल सर्कल्स ने. रिपोर्ट में एक अच्छी बात ये सामने आई है कि चीन के साथ हुए सीमाई विवाद ने भारतीयों की धारणाओं को प्रभावित किया है. पिछले 12 महीने में बहुत सारे लोगों ने चीनी सामानों से दूरी बनाई है. रिपोर्ट के अनुसार, 45 फीसदी भारतीयों ने पिछले एक साल में कोई भी मेड इन चाइना सामान नहीं खरीदा है.
सबसे ज्यादा यहां हैं चीन के सामान
भारतीयों के द्वारा खरीदे जा रहे मेड इन चाइना प्रोडक्ट्स को देखें तो इस मामले में टॉप पर इलेक्ट्रॉनिक और मोबाइल एक्सेसरीज हैं. लोकल सर्कल्स को सर्वे में 56 फीसदी लोगों ने बताया कि उन्होंने पिछले 12 महीने के दौरान मेड इन चाइना गैजेट यानी स्मार्टफोन, स्मार्ट वॉच, पावर बैंक जैसे प्रोडक्ट की खरीदारी की है. वहीं 49 पर्सेंट लोगों ने चीन में बने वाटर गन, फेस्टिवल लाइटिंग, लैम्प, कैंडल जैसे प्रोडक्ट की खरीदारी की.
इन सामानों की भी हो रही खरीद
सर्वे में 33 फीसदी लोगों ने बताया कि उन्होंने पिछले एक साल में चीन में बने खिलौने और स्टेशनरी प्रोडक्ट खरीदा है. 29 फीसदी लोगों ने गिफ्ट आइटम खरीदने, 26 फीसदी ने टेलीविजन, एयर प्यूरिफायर, केतली जैसे कंज्युमर इलेक्ट्रॉनिक को खरीदने और 26 फीसदी ने लाइटिंग व फर्निचर जैसे होम प्रोडक्ट खरीदने की बात स्वीकार की है. इस दौरान 15 फीसदी लोगों ने मेड इन चाइना फैशन प्रोडक्ट पर और 15 फीसदी ने अन्य प्रकार के सामानों पर पैसे खर्च करने की बात की है.
16 फीसदी ने खोज निकाला भारतीय विकल्प
रिपोर्ट के अनुसार, 63 फीसदी भारतीयों ने भू-राजनीतिक तनाव के चलते मेड इन चाइना सामानों से दूरी बनाने की बात की है. उनका कहना है कि उन्होंने मेड इन चाइना सामानों की खरीदारी कम कर दी है. 16 फीसदी लोगों ने तो ये बताया कि उन्होंने चीनी सामानों का भारतीय विकल्प खोज निकाला है, जो सस्ता भी है और क्वालिटी में भी बेहतर है.
इन वजहों से दूरी बना रहे लोग
चीनी सामानों से दूरी बनाने की सबसे बड़ी वजह सीमाई विवाद है. इनका हिस्सा 3 फीसदी है. वहीं 16 फीसदी लोगों ने सस्ते में भारतीय सामान उपलब्ध होने के कारण दूरी बनाने की बात कही. सर्वे में शामिल 16 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्होंने बेहतर कस्टमर सर्विस के चलते चीनी सामानों के ऊपर भारतीय सामानों को तरजीह दी है.
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