Super Rich Tax: तीन-चौथाई भारतीयों की राय, अमीरों पर सुपर रिच टैक्स लगाने से दूर होगी गरीबी!
Income Inequality: अगले महीने जी20 देशों के वित्त मंत्रियों की एक अहम बैठक होने वाली है, जिसमें वेल्थ टैक्स का प्रस्ताव रखा जा सकता है. उसके पहले जी20 देशों में यह सर्वे किया गया है...
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भारत में बढ़ती आर्थिक असमानता की खाई को पाटने के लिए अमीरों पर अलग से टैक्स लगाने की मांग तेज हो रही है. अब एक सर्वे में ये बात सामने आई है कि ज्यादातर भारतीय लोग अमीरों पर सुपर रिच टैक्स लगाए जाने के पक्षधर हैं.
आर्थिक असमानता दूर करने के लिए जरूरी
बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट में अर्थ फोर ऑल और ग्लोबल कॉमन्स अलायंस के द्वारा किए गए एक सर्वे के हवाले से कहा गया है- 74 फीसदी भारतीय मानते हैं कि आर्थिक असमानता को दूर करने के लिए अमीरों पर सुपर रिच टैक्स लगाना उचित है. यानी हर चार में से 3 भारतीय सुपर रिच टैक्स लगाए जाने के समर्थन में है. जी20 देशों में ऐसे लोगों का हिस्सा 68 फीसदी है.
जी20 में वेल्थ टैक्स लगाने का प्रस्ताव
अर्थ फोर ऑल और ग्लोबल कॉमन्स अलायंस ने यह सर्वे ऐसे समय किया है, जब जी20 देशों के वित्त मंत्री सुपर रिच लोगों पर वेल्थ टैक्स लगाए जाने के प्रस्ताव पर अगले महीने विचार करने वाले हैं. सुपर रिच लोगों पर जिस वेल्थ टैक्स को लगाए जाने की चर्चा हो रही है, उसे सुपर रिच टैक्स के नाम से भी जाना जाता है. इस सर्वे में दुनिया की 20 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के 22 हजार नागरिकों से सवाल पूछे गए.
इन मुद्दों पर मुखर हैं भारतीय
सर्वे के अनुसार, भारतीय लोग भुखमरी, अमीरी और गरीबी की खाई, पर्यावरण के संरक्षण जैसे मुद्दों पर मुखर हैं. सर्वे में शामिल 68 फीसदी भारतीयों ने माना कि पर्यावरण और प्रकृति की सुरक्षा के लिए अगले दशक में सभी इकोनॉमिक सेक्टरों में व्यापक बदलाव लाने की जरूरत है. भारतीयों का मानना है कि ज्यादा प्रदूषण फैलाने वालों से ज्यादा टैक्स वसूले जाने चाहिए. वहीं 74 फीसदी लोगों ने वेल्थ टैक्स या सुपर रिच टैक्स का समर्थन किया.
सर्वे के अनुसार, 71 फीसदी भारतीय मानते हैं कि यूनिवर्सल बेसिक इनकम की व्यवस्था होनी चाहिए. वहीं 74 फीसदी भारतीय उत्सर्जन कम करने के लिए हेल्दी डाइट को बढ़ावा देने वाली नीतियां जरूरी मानते हैं. सर्वे में 76 फीसदी भारतीयों ने वर्क-लाइफ बैलेंस को अहम बताया है.
सालों से चल रही है वेल्थ टैक्स पर बहस
यह पहली बार नहीं है, जब आर्थिक असमानता को लेकर चिंताएं तेज हुई हैं और अमीरों पर अलग से टैक्स लगाए जाने की पैरवी हो रही है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कम से कम 2013 से सुपर रिच टैक्स की मांग जोर पकड़ रही है और इसके बारे में चर्चाएं चल रही हैं. कोविड के बाद आर्थिक असमानता की खाई चौड़ी होने के साथ उसे पाटने के प्रयासों पर बातें भी बढ़ गई हैं. अभी जी20 की अध्यक्षता कर रहा ब्राजील सुपर रिच टैक्स पर अधिक मुखर है. ब्राजील अगले महीने जी20 देशों के वित्त मंत्रियों की होने जा रही बैठक में सुपर रिच टैक्स पर संयुक्त घोषणापत्र लाने की दिशा में प्रयास कर रहा है.
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