Finance Ministry: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) के नौकरियों पर असर को लेकर अक्सर बहस होती रहती है. कुछ लोग नौकरियों पर इसके खतरे को नकारते हैं तो कुछ इसे जॉब्स के लिए एक बड़ी समस्या बताते हैं. भले ही साल 2023 से दुनियाभर में छंटनी का दौर जारी है लेकिन, कोई भी कंपनी यह स्वीकारने को तैयार नहीं है कि इसकी जिम्मेदारी एआई है. मगर, अब सरकार एआई के खतरे को लेकर चौकन्ना हो गई है. वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने दावा किया है कि एआई के चलते नौकरियां जा रही हैं. इसके असर को लेकर वित्त मंत्रालय सावधान हो गया है. साथ ही आगे एआई पर कड़ी नजर रखने की तैयारी है. 


एआई की वजह से नौकरियों पर खतरा पैदा हुआ 


इससे पहले वित्त वर्ष 2023-24 के इकोनॉमिक सर्वे (Economic Survey) में चेतावनी दी गई थी कि एआई के चलते कई लोगों की नौकरियां जा रही हैं. अब सितंबर के मासिक इकोनॉमिक रिव्यू में भी कहा गया है कि एआई की वजह से नौकरियों पर खतरा पैदा हो गया है. इस मसले पर कड़ी नजर रखे जाने की आवश्यकता है. कंपनियों में कर्मचारियों की जगह एआई ले रही है. इकोनॉमिक रिव्यू के अनुसार, लेबर मार्केट फिलहाल स्थिर है. बेरोजगारी दर भी 3.2 फीसदी पर थमी हुई है. देश के वर्कफोर्स में महिलाओं की भागीदारी बढ़ गई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि ईपीएफओ (EPFO) का डेटा भी नौकरियां बढ़ने की ओर ही संकेत कर रहा है.


सरकार और प्राइवेट सेक्टर को मिलकर करना होगा काम 


हालांकि, ऐसी कई रिपोर्ट सामने आई हैं कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तेजी से कई कंपनियों में अपनी जगह बनाती जा रही है. हमें इस ट्रेंड पर कड़ी नजर रखनी होगी. जुलाई के इकोनॉमिक सर्वे में कहा गया था कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के आने से लो स्किल, सेमी स्किल और हाई स्किल लेबर पर प्रभाव पड़ेगा. एआई लगातार नौकरियों के सामने बाधाएं पैदा करेगी. इससे निपटने के लिए आने वाले समय में केंद्र सरकार, राज्य सरकारों और प्राइवेट सेक्टर को मिलकर काम करना होगा.


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