Artificial Intelligence: एआई से पैदा होंगे नए जॉब, उभरकर आएंगे नए सेक्टर, इसे खतरा नहीं अवसर समझें
Deloitte: डेलॉइट साउथ एशिया के सीईओ रोमल शेट्टी ने माना कि एआई से कुछ पुराने जॉब रोल खत्म हो जाएंगे लेकिन, यह हमारे लिए खतरा नहीं है. यह टेक्नोलॉजी नए तरह की नौकरियों को जन्म देगी.
Deloitte: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को लेकर इन दिनों खूब हल्ला मचा हुआ है. कई लोग इस टेक्नोलॉजी को कंपनियों में हो रही छंटनी का जिम्मेदार ठहरा रहे हैं तो कई इसे बहुत उपयोगी बता रहे हैं. हालांकि, एक ऐसा वर्ग भी है, जो इससे थोड़ा अलग विचार रखते हैं. उनका मानना है कि एआई से नौकरियां जाएंगी लेकिन, यह टेक्नोलॉजी नए अवसर भी पैदा करेगी. कुछ ऐसा ही कहना है डेलॉइट (Deloitte) साउथ एशिया के सीईओ रोमल शेट्टी (Romal Shetty) का. रोमल शेट्टी का कहना है कि एआई से कुछ नौकरियां खत्म हो जाएंगी मगर, यह नए तरीके के ज्यादा जॉब पैदा करेगी.
एआई को अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करना सीखना होगा
रोमल शेट्टी के अनुसार, इस समय कई नए सेक्टर उभर रहे हैं. इनमें ड्रोन के लिए एयर ट्रैफिक कंट्रोल और इलेक्ट्रिक वेहिकल आरएंडडी जैसे सेक्टर शामिल हैं. उन्होंने इनोवेशन को नुकसान पहुंचाए बिना डेटा प्राइवेसी की सुरक्षा की जरूरत भी बताई है. डेलॉइट सीईओ ने कहा कि एआई से कई तरीके की नई नौकरियां पैदा होंगी. हालांकि, हर टेक्नोलॉजी को चलाने के लिए इंसानों की जरूरत पड़ती है. इस तरीके से ही हम किसी भी टेक्नोलॉजी पूरा लाभ उठा सकते हैं. हमें एआई को अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करना सीखना होगा. रोमल शेट्टी ने कहा कि मैं पूरी तरह आश्वस्त हूं कि एआई हमारे लिए खतरा नहीं है.
रोमल शेट्टी ने कहा- रिसर्च करने में होगा लाभ
रोमल शेट्टी के अनुसार, एआई हमारे लिए चुनौती नहीं बनेगी बल्कि अवसरों के नए द्वार खोलेगी. इन दिनों ड्रोन का विकास तेजी से हो रहा है. ऐसे में हमें उनके एयर ट्रैफिक कंट्रोल के बारे में सोचना पड़ेगा. हमें ड्रोन का इस्तेमाल लोगों के फायदे के लिए करना होगा. साथ ही अब इलेक्ट्रिक वेहिकल का युग आ रहा है. यहां भी हम एआई का फायदा ले सकेंगे. हमें सोचना होगा कि अभी अगर रिसर्च करने में 18 महीने का समय लग रहा है तो क्या हम एआई की मदद से इसे 9 महीने पर ला सकते हैं. ठीक इसी तरह एआई से कई नए अवसर पैदा होंगे.
डेटा प्राइवेसी के नियम इनोवेशन और ग्रोथ के आड़े न आएं
डेटा प्राइवेसी के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि नए नियमों के बाद डेटा को देश से बाहर ले जाना बेहद मुश्किल हो जाएगा. इनमें से अधिकांश कंपनियां ग्लोबल हैं. उनके सिस्टम आपस में जुड़े हुए हैं. उन्हें अपने सिस्टम और बिजनेस मॉडल में बदलाव करना होगा. हालांकि, निष्पक्ष कारोबारी माहौल बनाने के लिए ऐसे नियम जरूरी हैं. उन्होंने कहा कि हमें नियमों के बारे में सावधान भी रहना होगा ताकि इनसे इनोवेशन और ग्रोथ में रुकावट न आए.
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