Arun Jaitley: भारत के पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली (Arun Jaitley) ने कई ऐसे फैसले लिए, जो इतिहास बन गए. इन फैसलों ने देश की अर्थव्यवस्था (Indian Economy) को और सशक्त करने का प्रयास किया. आज हम इन्हीं फैसलों के बारे में बताने वाले हैं. अरुण जेटली भारत के पूर्व वित्त मंत्री से पहले, एक वकील थे. अरुण जेटली (Arun Jaitley) का जन्म 28 दिसंबर 1952 को हुआ था.  


वित्त मंत्री (Finance Minister) बनने के बाद अरुण जेटली (Arun Jaitley) ने पांच केंद्रीय बजट (Union Budget) पेश किए और 2014 से लेकर 2019 के बीच वित्त मंत्री के रूप में अपनी भूमिका निभाई थी. इस दौरान अरुण जेटली सभी बड़े आर्थिक और वित्तीय निर्णयों के लिए जिम्मेदार थे. स्वास्थ्य समस्याओं के कारण अरुण जेटली का निधन अगस्त 2019 में हुआ था. आज उनकी बर्थ एनिवर्सरी है, आइए जानते हैं उनके पांच बड़े फैसले कौन-कौन से रहे.


गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST)


गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) शासन 2017 में अरुण जेटली के कार्यकाल में लागू किया गया था. अरुण ​जेटली ने इसे इस हिसाब से तैयार किया था कि सभी राज्यों ने जीएसटी शासन को पारित किया, जिससे पूरे देश को पहली बार एक सिंगल टैक्सेशन योजना के तहत लाया गया. GST के आने से एक ही वस्तु के लिए अलग-अलग टैक्स चुकाने से आजादी मिली.


इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC)


2016 में जेटली ने इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC) की शुरुआत की, जिसने देश के दिवालियापन कानूनों को सरल बना दिया. आईबीसी ने लेनदारों को दिवालिया कंपनियों से आसानी से बकाया वसूलने की अनुमति दी है. 


नोटबंदी का फैसला (Demonetization)


​नोटबंदी या डीमॉनेटाइजेशन सरकार द्वारा लिए गए सबसे बड़े फैसलों में से एक था. इसे लागू करने में अरुण जेटली की एक अहम भूमिका रही है. काले धन के खिलाफ लड़ाई के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए देश में चल रहे तत्कालीन 500 रुपये और 1000 रुपये के नोट बंद करके नए 2000 रुपये के नोट को चलन में लाया और नया 500 रुपये का नोट भी जारी करवाया.


रेलवे और आम बजट का विलय (One Budget)


पहले देश में रेलवे और आम बजट अलग-अलग पेश किया जाता था. 92 साल पुरानी इस परंपरा को अरुण जेटली ने खत्म कर दिया और 2017 मे अरुण जेटली ने देश का पहला संयुक्त बजट पेश किया. इस फैसले से बजट पेश करने में आसानी हुई तो वहीं कई सेक्टरों के लिए पर्याप्त बजट मिल सका. 


आय घोषणा योजना (Income Declaration Scheme)


काले धन के खिलाफ जेटली ने एक और फैसला लिया था, जिसे आय घोषणा योजना के नाम से जाना जाता है. इसे 2016 में पारित किया गया था और व्यक्तियों को आपराधिक कार्यवाही के बजाय केवल एक जुर्माना के साथ पिछले टैक्सेस का भुगतान करने की अनुमति दी गई थी.


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