दिल्ली में महंगे पेट्रोल-डीजल से भड़केगी महंगाई की आग | समझें गणित
दिल्ली में डीजल 7.10 रुपये और पेट्रोल 1.67 रुपये महंगा हो गया है. जिससे दिल्ली और इसके आसपास के राज्यों में महंगाई बढ़ने की संभावना है.
नई दिल्ली: दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर वैट में बढ़ोतरी कर दी है. दिल्ली में डीजल की कीमत 7.10 रुपये प्रति लीटर बढ़ चुकी है तो पेट्रोल की कीमत में 1.67 रुपये प्रति लीटर का इजाफा हुआ है. इसके बाद दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 71.26 रुपये प्रति लीटर हो गई है जबकि डीजल के दाम 69.39 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गए हैं.
भड़केगी महंगाई की आग
ईंधन की कीमतों में हुई बढ़ोतरी का सीधा ताल्लुक आपकी जेब से है. जहां महंगे पेट्रोल की मार सीधे आपकी जेब पर पड़ेगी, वहीं दूसरी तरफ डीजल की कीमतें महंगी होने से माल ढुलाई महंगी हो जाएगी. माल ढुलाई महंगी होगी तो सभी फल-सब्ज़ी, रोज़मर्रा का सामान महंगा होने की आशंका है. जानकारों का मानना है कि पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी से सीधे तौर पर महंगाई तो बढ़ेगी ही, लेकिन साथ ही साथ कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन के बाद उद्योग जगत को और ज्यादा दिक्कतें होंगी.
10-20% तक बढ़ सकता है माल भाड़ा
ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के प्रेसिडेंट कुलतरण सिंह अटवाल ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत में बताया कि ट्रक और अन्य मालवाहक वाहन के खर्चे में 60 फीसदी हिस्सेदारी डीजल की होती है. ऐसे में डीजल की कीमत 7.10 रुपये प्रति लीटर बढ़ने से माल भाड़ा 10 से 20 फीसदी तक बढ़ सकता है.
जहां पूरी दुनिया की सरकारें अपने यहां उद्योग जगत को पटरी पर लाने के लिए अलग-अलग तरह के रियायत पैकेज दे रही हैं. वहीं दिल्ली सरकार का यह कदम सीधे तौर पर मध्यम वर्ग और गरीब लोगों के साथ-साथ उद्योग जगत के लिए भी बड़ा झटका है. अटवाल का कहना है कि डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी से फल सब्जी समेत सभी चीजों की कीमतों में बढ़ोतरी हो जाएगी. फल सब्जी समेत सभी सामान का माल भाड़ा बढ़ने का सीधा असर जनता की जेब पर पड़ेगा.
ट्रेडिंग हब है दिल्ली, लगेगा झटका
उत्तर भारत में राजधानी दिल्ली एनसीआर का जो एरिया है यह ट्रेडिंग हब के तौर पर जाना जाता है. दिल्ली से यूपी, हरियाणा, राजस्थान समेत कई प्रदेशों में रोजमर्रा की जरूरत का सामान जाता है. आर्थिक मामलों के जानकार शिशिर सिन्हा कहते हैं कि राजधानी दिल्ली आसपास के कई राज्यों के लिए ट्रेडिंग हब हैं. ऐसे में अगर माल भाड़ा महंगा होता है तो जाहिर तौर पर न सिर्फ दिल्ली में बल्कि आसपास के राज्यों में भी महंगाई बढ़ने का अंदेशा है.
हालांकि शिशिर कहते हैं की दिल्ली सरकार के सामने बजट की चुनौती है. ऐसे में सरकार के पास राजस्व कमाने के सीमित संसाधन हैं. इसीलिए दिल्ली में पेट्रोल डीजल की कीमतों पर वैट को बढ़ाया है. वहीं, अर्थशास्त्री विजय सरदाना का कहना है कि दिल्ली सरकार ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी की है उसके चलते हाल के दिनों में महंगाई बढ़ने की आशंका रहेगी. लेकिन इसका दूसरा असर यह होगा कि जितने भी ट्रांसपोर्टर हैं वह दिल्ली में डीजल ना भरवा कर आसपास के राज्यों से डीजल भरवाएंगे. ऐसे में दिल्ली सरकार ने जो राजस्व कमाने के लिए यह फैसला लिया है यह ज्यादा लंबी अवधि में नहीं चलने वाला है और सरकार को इस पर जल्द ही पुनर्विचार करना होगा.
ऑटोमोबाइल उद्योग को भी झटका
ऑटोमोबाइल विश्लेषक नबील खान ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि दिल्ली एनसीआर देश में सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरिंग हब है. गुड़गांव और मानेसर समेत उत्तर प्रदेश के नोएडा में ऑटोमोबाइल उद्योग से जुड़ी तमाम इकाइयां हैं. यह इकाइयां छोटे-छोटे कल पुर्जे दिल्ली एनसीआर के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में ले जाती हैं जहां फिर इन्हें ऑटोमोबाइल पार्ट्स के रूप में तब्दील किया जाता है. ऐसे में माल भाड़ा बढ़ने से ऑटोमोबाइल उद्योग को भी झटका लगेगा. इसके अलावा देशभर में कारों और दुपहिया वाहनों समेत वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री का बड़ा केंद्र है दिल्ली एनसीआर. महंगे पेट्रोल और डीजल की कीमतों के चलते ऑटोमोबाइल उद्योग को बिक्री के मोर्चे पर भी तगड़ा झटका लग सकता है.
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