Ashneer Grover on Tax Notice for Online Gaming: जबसे खबर आई है कि ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को 55,000 करोड़ रुपये की जीएसटी डिमांड का प्री-शोकॉज नोटिस भेजा गया है, तब से ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री में हलचल मची हुई है. इंडस्ट्री से इस टैक्स डिमांड नोटिस को लेकर अलग-अलग रिएक्शन सामने आ रहे हैं. अब पूर्व शार्क टैंक जज और भारतपे के को-फाउंडर अश्नीर ग्रोवर ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. इतना ही नहीं उन्होंने तो प्रधानमंत्री कार्यालय और वित्त मंत्रालय को भी इस मामले पर विचार करने के लिए कहा है.
अश्नीर ग्रोवर ने ये तक कह डाला कि ये 55,000 करोड़ रुपये का टैक्स नोटिस सरकार के 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के सपने में मददगार नहीं होगा और एक रोड़ा साबित हो सकता है. अश्नीर ग्रोवर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्ववर्ती ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा कि "ना कोई टैक्स देगा इतना-ना सरकार को मिलेगा. केवल कारोबारियों को परेशान करने वाला एक और दिन है."
अश्नीर ग्रोवर ने लिखा-
55,000 करोड़ रुपये की टैक्स डिमांड! मैं जानना की इच्छा रखता हूं कि ऐसे नोटिस भेजते समय टैक्स वालों के दिमाग में क्या चलता होगा? इसका इकलौता जवाब है- कुछ नहीं. मोनोपली की गेम चल रही है बस. ना कोई इतना टैक्स देगा-ना सरकार को मिलेगा. मिलेगी सिर्फ सुप्रीम कोर्ट के वकीलों को फीस जो इसे अदालत में चुनौती देंगे. बस कारोबारियों को परेशान करने का एक और दिन.
अगर इतना जीएसटी बनता था तो क्या जीएसटी वाले 10 साल से सो रहे थे. या फिर सारे बड़े 4 अकाउंटिंग वालों को कुछ नहीं आता कि वो कंपनियों का टैक्स ऑडिट पास कर रहे थे.
ये सिर्फ 'रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स' कहलाता है. आज नोटिफिकेशन निकाल दी (स्पष्टीकरण के तौर पर) कि पहले से आपका 28 फीसदी टैक्स बनता था फेस वैल्यू पर. कांग्रेस ने वोडाफोन रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स लगाया तो बीजेपी ने गेमिंग रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स लगाया. बहुत कुछ बदला है और कुछ भी नहीं बदला है.
मेरा वित्त मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय से अनुरोध है कि इस मामले को देखें- ये हमारे 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के रास्ते में मदद करने वाला नहीं है.
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