Pakistan Economy: पाकिस्तान का आर्थिक संकट अब पूरी दुनिया के सामने आ चुका है. पाकिस्तान हर गुजरते दिन के साथ आर्थिक समस्यायों के चंगुल में और ज्यादा फंसता जा रहा है. अपनी इकोनॉमी को बचाने के लिए वह वर्ल्ड बैंक (World Bank), आईएमएफ (IMF) और एशियन डेवलपमेंट बैंक (Asian Development Bank) जैसी वैश्विक संस्थाओं के दरवाजे पर खड़ा हुआ है. यहां से फिलहाल उन्हें फटकार ही मिल रही है. एडीबी ने भी पाकिस्तान को सलाह दी है कि उसे भारत से सीखना चाहिए. एडीबी ने भारत सरकार के उल्लास (ULLAS) कार्यक्रम की तारीफ भी की है.
पैसों की कमी से ध्वस्त हो चुका है देश का एजुकेशन सिस्टम
एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान की शिक्षा व्यवस्था इस समय पैसों की कमी से ध्वस्त हो चुकी है. पाकिस्तान सरकार ने एजुकेशन सिस्टम में सुधार के लिए मनीला स्थित एडीबी से आर्थिक मदद मांगी थी. सरकार का कहना था कि स्कूल छोड़ रहे बच्चों तक शिक्षा पहुंचाने के लिए उन्हें पैसों की जरूरत है. इस पर एडीबी ने कहा है कि पाकिस्तान को भारत सरकार के प्रयासों से सबक लेते हुए अपने यहां भी उल्लास (Understanding of Lifelong Learning for All in Society) जैसे कार्यक्रम शुरू करने चाहिए ताकि उनका बर्बाद हो चुका एजुकेशन सिस्टम सुधर सके.
सोमवार को पाक पहुंच रहे एडीबी प्रेसिडेंट मसातसुगु असाकावा
एशियन डेवलपमेंट बैंक की यह फटकार इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि एडीबी के प्रेसिडेंट मसातसुगु असाकावा (Masatsugu Asakawa) सोमवार को पाकिस्तान पहुंच रहे हैं. इस दौरान वह सभी स्टेकहोल्डर्स से मुलाकात करेंगे. पाकिस्तान में पिछले हफ्ते एजुकेशन इमरजेंसी (Education Emergency) का ऐलान किया गया था. देश के 134 जिलों में एजुकेशन सिस्टम लगभग खत्म हो गया है. सरकार के पास इसे दोबारा खड़ा करने के लिए पैसा ही नहीं है. इसके साथ ही देश में ह्यूमन रिसॉर्स क्राइसिस भी खड़ा हो गया है. इस देश में कम या बिलकुल भी नहीं पढ़े-लिखे लोग जॉब मार्केट में उतर रहे हैं. यह पाकिस्तान की इकोनॉमी के लिए एक नया संकट है.
पीएम नरेंद्र मोदी ने पिछले साल शुरू किया था उल्लास प्रोग्राम
उल्लास प्रोग्राम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने पिछले साल जुलाई में शुरू किया था. इस 5 वर्षीय कार्यक्रम के तहत उन सभी लोगों को शिक्षा से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है, जो अशिक्षित रह गए. इस प्रोग्राम में केंद्र और राज्य सरकारों की भागीदारी है. एडीबी ने कहा है कि उल्लास प्रोग्राम को इंटरनेशनल स्टैंडर्ड के हिसाब से बनाया गया है. पाकिस्तान को भी ऐसा ही करना चाहिए. उन्हें सभी स्टेकहोल्डर्स को इसमें जोड़ना चाहिए. एडीबी के अनुसार, भारत सरकार सिर्फ लोगों को साक्षर ही नहीं बना रही, बल्कि उन्हें फाइनेंशियल, डिजिटल, कॉमर्शियल, हेल्थकेयर, चाइल्ड केयर और फैमिली वेलफेयर जैसे मसलों पर भी ज्ञान दे रही है.
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