Himanta Biswa Sarma: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने देश के उद्योगपतियों से अपील की है कि वे कम दाम पर मजदूरी के लिए अपनी कंपनियों या फैक्ट्रियों में अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को काम पर न रखें. उन्होंने सोमवार को टाटा, अडानी ग्रुप और महिंद्रा सहित कॉरपोरेट घरानों के कई बड़े लीडर्स से मुलाकात की और इसके बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए. इस दौरान असम के सीएम ने कहा कि ऐसे लोगों को काम पर नहीं रखकर बांग्लादेश से अवैध प्रवास की समस्या की जड़ पर वार करने की जरूरत है.
बांग्लादेश से सस्ती लेबर पर लगाई जाए रोक
अपनी बात को जारी रखते हुए उन्होंने आगे कहा, बांग्लादेश से सस्ते में लेबर प्राप्त करने के लिए इंडस्ट्रीज ने मिडिलमैन को काम पर रखा हुआ है. इंडस्ट्रीज को इन्हें काम पर न रखने का फैसला लेना होगा. यह पूछे जाने पर कि क्या इंडस्ट्रियलिस्ट्स के साथ हुई इस मीटिंग में इस मुद्दे पर चर्चा हुई, तो इसके जवाब में सरमा ने कहा कि उस मुद्दे पर दोबारा जोर देने की जरूरत ही नहीं है, जिस पर असम 1979 से लड़ रहा है.
बता दें कि 1979 वही साल था, जब ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (aasu) ने असम से अवैध प्रवासियों को बाहर निकालने की मांग को लेकर अपना आंदोलन शुरू किया था.
असम को है राज्य में जबरदस्त इंवेस्टमेंट की उम्मीद
इस मीटिंग के बाद राज्य को फरवरी में गुवाहाटी में होने वाले एडवांटेज असम 2.0 में केंद्र सरकार और उससे जुड़ी संस्थाओं से 1 लाख करोड़ रुपये के निवेश की उम्मीद है. 25-26 फरवरी को होने वाले इस समिट में टूरिज्म, डिफेंस और सेमीकंडक्टर जैसे सेक्टरों को भी ध्यान में रखा जाएगा.
बता दें कि असम के मोरीगांव में टाटा सेमीकंडक्टर असेंबली एंड टेस्टिंग प्लांट बनकर तैयार है. इसके लिए 27,000 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है. इस प्लांट के पहले चरण का उद्घाटन इस साल नवंबर या दिसंबर में किया जाएगा. सीएम ने यह भी जानकारी दी कि टाटा ने तो असम में 500 मेगावाट क्षमता का सोलर प्रोजेक्ट शुरू करने में भी रूचि दिखाई है.
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