Atal Pension Yojana: मोदी सरकार (Modi Sarkar) की पेंशन स्कीम अटल पेंशन योजना (Atal Pension Yojana) के सब्सक्राइबर्स की संख्या 7 करोड़ के पार जा पहुंची है. वित्त वर्ष 2024-25 के पहले छह महीने में अटल पेंशन योजना के साथ 56 लाख नए सब्सक्राइबर्स जुड़े हैं. ये पेंशन स्कीम अपने 10वें साल में है. साल 2015 में मोदी सरकार ने इस महत्वाकांक्षी योजना को लॉन्च किया था. 


वित्त मंत्रालय ने अटल पेंशन योजना में ग्रॉस एनरोलमेंट का जो डेटा जारी किया है उसके मुताबिक इस पेंशन स्कीम में कुल ग्रॉस एनरोलमेंट 7 करोड़ को पार कर चुका है जिसमें से मौजूदा वित्त वर्ष 2024-25 के अप्रैल से सितंबर के दौरान ही 56 लाख एनरोलमेंट हुए हैं. अटल पेंशन योजना के जरिए सरकार की कोशिश समाज के वंचित वर्ग को पेंशन का कवरेज प्रदान करना है. पेंशन के मामलों से जुड़ी नियामक पेंशन फंड एंड रेगुलेटरी डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) ने अटल पेंशन योजना के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए राज्य और जिला स्तर पर कई प्रयास किए हैं.   


अटल पेंशन योजना को ऐसे तैयार किया गया है जिससे ये ना केवल योजना के सब्सक्राइबर को संपूर्ण सुरक्षा कवच (Sampurna Suraksha Kavach) के तहत आजीवन डिफाइंड और गारंटीड पेंशन प्रदान करता है बल्कि ये सब्सक्राइबर्स की मृत्यु के बाद पति या पत्नी को भी वहीं पेंशन देता है. इतना ही नहीं अटल पेंशन योजना के सब्सक्राइबर और स्पाउज (Spouse) के मृत्यु के बाद नॉमिनी को पूरी रकम जो 60 वर्ष की आयु तक संचित की गई है वो परिवार को लौटा दी जाती है.       


9 मई 2015 को अटल पेंशन योजना को लॉन्च किया गया था जिसका मकसद सभी भारतीयों को यूनिवर्सल सोशल सिक्योरिटी स्कीम से जोड़ना है. अटल पेंशन योजना के साथ 18 से 40 साल के उम्र के लोग जुड़ सकते हैं. आवेदक के पास बैंक अकाउंट होना चाहिए. इस योजना में 60 साल के उम्र के बाद 1,000 रुपये से लेकर 5,000 रुपये तक न्यूनतम पेंशन का प्रावधान है. पति-पत्नी दोनों को जोड़ दें तो योजना के तहत 10,000 रुपये पेंशन मिल सकता है. अगर योजना के सब्सक्राइबर की मृत्यु हो जाती है तो पति या पत्नी को आजीवन पेंशन मिलता रहेगा. और यदि दोनों की मृत्यु हो जाती है तो पेंशन का पूरा पैसा नॉमिनी को दे दिया जाएगा. 2035 से अटल पेंशन योजना से जुड़े सब्सक्राइबर्स को पेंशन मिलने लगेगी. 


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