Wheat & Atta Prices: भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने शुक्रवार को कहा कि वह आगामी एक फरवरी से 2,350 रुपये प्रति क्विंटल के आरक्षित मूल्य और ढुलाई लागत के साथ साप्ताहिक ई-नीलामी शुरू करेगा. इसके तहत एफसीआई थोक उपभोक्ताओं को 25 लाख टन गेहूं बेचने की योजना बना रहा है. सरकार ने बुधवार को गेहूं और गेहूं के आटे की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए खुली बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत अपने बफर स्टॉक से 30 लाख टन गेहूं खुले बाजार में बेचने की योजना की घोषणा की थी. इस गेहूं से बने आटे को 29.50-30 रुपये प्रति किलो से ज्यादा की दर पर नहीं बेचा जाएगा. आटे की मौजूदा कीमतें 36-38 रुपये प्रति किलो के रेट पर हैं. इस लिहाज से देखा जाए तो आटा 6 रुपये से 8 रुपये तक सस्ता हो सकता है.
रियायती रेट पर दिया जाएगा गेहूं
एफसीआई इस 30 लाख टन में से ई-नीलामी के माध्यम से आटा चक्की जैसे थोक उपभोक्ताओं को 25 लाख टन गेहूं बेचेगा. वहीं दो लाख टन राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों को और 3 लाख टन अन्य संस्थानों और राज्य सार्वजनिक उपक्रमों को गेहूं को आटे में बदलने के लिए रियायती दर पर दिया जायेगा. इसे 29.50 रुपये प्रति किलो की अधिक दर पर बेचने की अनुमति नहीं होगी.
एफसीआई के चेयरमैन अशोक के मीणा ने दी जानकारी
एफसीआई के चेयरमैन अशोक के मीणा ने कहा, "टेंडर आज पूरे होंगे और ई-नीलामी बुधवार को होगी." नीलामी साप्ताहिक आधार पर प्रत्येक बुधवार को होगी. उन्होंने कहा कि पहली नीलामी एक फरवरी को होगी जो 15 मार्च तक चलेगी. गेहूं की पेशकश 2,350 रुपये प्रति क्विंटल के आरक्षित मूल्य और भाड़ा शुल्क के साथ की जाएगी. उन्होंने कहा कि एक खरीदार अधिकतम 3,000 टन और न्यूनतम 10 टन तक की मात्रा के लिए बोली लगा सकता है. उन्होंने कहा, "हमें उम्मीद है कि छोटे व्यापारी और छोटे आटा मिल मालिक इस अवसर का लाभ उठाएंगे."
पूरे देश में गेहूं का स्टॉक मौजूद
एफसीआई के चेयरमैन ने कहा कि क्षेत्रीय कार्यालयों को न केवल गेहूं की ई-नीलामी के लिए टेंडर जारी करने का निर्देश दिया गया है, बल्कि स्थानीय आटा मिलों, व्यापारियों और गेहूं उत्पाद बनाने वालों को भी एफसीआई के मंच पर खुद को पंजीकृत करने के लिए प्रोत्साहित करने को कहा गया है ताकि वे ई-नीलामी में भाग ले सकें. एफसीआई प्रमुख के मुताबिक पूरे देश में गेहूं का स्टॉक उपलब्ध है और सभी राज्य स्टॉक उपलब्ध करा सकेंगे.
किस राज्य को मिलेगा कितना गेहूं- जानें
उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश और पंजाब में लगभग 5 लाख टन, महाराष्ट्र में 4 लाख टन, राजस्थान में 2.5 लाख टन, बिहार में 1.55 लाख टन, पश्चिम बंगाल में 1.25 लाख टन और हरियाणा में एक लाख टन गेहूं की पेशकश की जाएगी. मीणा ने यह भी कहा कि गेहूं के लिए निर्धारित आरक्षित मूल्य अधिग्रहण लागत के बराबर है और 2,654 रुपये प्रति क्विंटल की आर्थिक लागत से कम है. खाद्यान्न की खरीद और वितरण के लिए सरकार की नोडल एजेंसी एफसीआई के पास 26 जनवरी की स्थिति के मुताबिक बफर स्टॉक में लगभग 156.96 लाख टन गेहूं था.
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