India Monsoon Season Update: पिछले 100 वर्षों में सबसे कम बारिश अगस्त 2023 में देखने को मिल सकता है. अल नीनो के असर के चलते देश के कई राज्यों में मानसून की बारिश में भारी कमी देखी जा रही है. रॉयटर्स ने अपनी रिपोर्ट में दो मौसम विभाग के अधिकारियों के हवाले से बताया है कि 1901 के बाद अगस्त 2023 में सबसे कम बारिश पूरे देश में होने का अनुमान है.
कम बारिश का खरीफ फसल पर असर
बारिश की कमी के चलते खाद्य महंगाई में उछाल देखने को मिल सकती है. क्योंकि बारिश के कमी का असर खरीफ फसलों के उत्पादन पर पड़ने के आसार हैं. चावल से लेकर सोयाबीन के उत्पादन में इस खरीफ सीजन में कमी आ सकती है. कम बारिश का असर आने वाले रबी सीजन में उपजाये जाने वाले फसलों के उत्पादन पर पड़ सकता है जिसमें गेहूं सरसों शामिल है. गेहूं की खेती के लिए खेतों में नमी का होना बेहद जरुरी है.
अर्थव्यवस्था को भी होगा नुकसान
इस मानसून सीजन में बारिश की कमी हुई तो खेतों में नमी नहीं होने के चलते गेहूं का उत्पादन सीधे तौर पर प्रभावित हो सकता है. इसका असर देश के आर्थिक विकास और ग्रमीण अर्थव्यवस्था पर देखने को मिल सकता है जो पूरी तरह खेती पर निर्भर है. भारत अपने खेतों के लिए जरुरी पानी और जलाशयों में पानी के लिए 70 फीसदी मानसून की बारिश पर निर्भर है. आईएमडी के अधिकारी ने बताया कि ये मानसून कमजोर होता नजर आ रहा है. उन्होंने बताया कि दक्षिण, सेंट्रल और पश्चिम भारत में बारिश की कमी देखने को मिल रही है.
महंगाई बढ़ने का खतरा
इस मानसून सीजन में कम बारिश से महंगाई बढ़ने का खतरा है. जुलाई महीने के लिए जो आंकड़े घोषित हुए उसके मुताबिक खुदरा महंगाई दर बढ़कर 7.44 फीसदी को खाद्य महंगाई दर 11.51 फीसदी पर जा पहुंची है. साग-सब्जियों के अलावा, गेहूं चावल और दाल की कीमतें अभी से बढ़ने लगी हैं. और बारिश कम हुई तो महंगाई और बढ़ सकती है.
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