लॉकडाउन: गाड़ियों की बिक्री में 45 फीसदी तक गिरावट की आशंका, GST में छूट की मांग
वाहन निर्माताओं का मानना है कि कोरोनावायरस संक्रमण की वजह से लगे लॉकडाउन के कारण गाड़ियों की बिक्री में 26 से 45 फीसदी तक गिरावट आ सकती है.
गाड़ियों की बिक्री में भारी गिरावट की आशंका है. वाहन निर्माताओं का मानना है कि कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से लगे लॉकडाउन के कारण गाड़ियों की बिक्री में 26 से 45 फीसदी तक गिरावट आ सकती है. व्हेकिल उद्योग का कहना है कि गाड़ियों की बिक्री को 2018-19 के स्तर पर पहुंचने में भी कम से कम तीन-चार साल लग जाएंगे. वाहन मार्केट में किसी नए निवेश की उम्मीद नहीं है क्योंकि पहले से ही बनी गाड़ियों की बिक्री नहीं हो रही है.
बिक्री में हल्की बढ़ोतरी, लेकिन पिछले साल के स्तर से काफी कम
गाड़ियों की बिक्री में भारी गिरावट को देखते हुए इंडस्ट्री ने सरकार से जीएसटी में कटौती की मांग की है. हाल के दिनों में टू-व्हीलर्स समेत गाड़ियों के कुछ सेगमेंट की बिक्री में इजाफा दिखा है. लेकिन वाहन इंडस्ट्री के सूत्रों का कहना है कि ऐसा पहले से बुक की गाड़ियों की डिलीवरी से दिख रहा है. चूंकि अप्रैल में पूरी तरह शटडाउन था इसलिए मई में गाड़ियों की बिक्री होने से मांग बढ़ी हुई दिख रही है. मई की तुलना में जून में वाहनों की बिक्री में तेजी आई है. मारुति, हुंडई, हीरो मोटकॉर्प, टोयोटा और किया की बिक्री में बढ़ोतरी हुई है लेकिन अभी तक यह स्तर पिछले साल जून के स्तर तक नहीं पहुंचा है.
गाड़ियों की बिक्री में भारी गिरावट को देखते हुए ऑटो इंडस्ट्री ने सरकार से जीएसटी दर घटाने की मांग की है. इंडस्ट्री का कहना है कि अलग-अलग व्हेकिल कैटेगरी के लिए जीएसटी अलग-अलग है. यह रेंज 28 से 60 फीसदी तक है. ऐसे में कंपनियां सिर्फ तीन से नौ फीसदी तक ही मुनाफा कमा पाती हैं. कॉमर्शियल व्हेकिल में कंपनियों का मुनाफा 3 फीसदी तक होता है. टू-व्हीलर्स में 9 फीसदी तक मुनाफा होता है. पैसेंजर व्हेकिल्स में 5 से 6 फीसदी तक मुनाफा कमाया जाता है.कंपनियों का कहना है कि कोविड-19 की वजह से सुरक्षा मानकों का पालन करने की वजह से फैक्टरियों में उनकी लागत बढ़ गई है. इस वजह से अब वह गाड़ियों पर ज्यादा छूट भी नहीं दे पा रहे हैं. इसलिए सरकार से जीएसटी घटाने की मांग की जा रही है.