लॉकडाउन ने ऑटो इंडस्ट्री की कमर तोड़ कर रख दी है. अप्रैल-जून में भारत में गाड़ियों की बिक्री में तीन दशक की सबसे ज्यादा गिरावट दर्ज हो सकती है. कारों और यूटिलिटी व्हेकिल की बिक्री में भारी गिरावट की वजह से अप्रैल-जून तिमाही में गाड़ियों की बिक्री इतनी कम रहने वाली है.
बिक्री में 25 से 45 फीसदी तक गिरावट की आशंका
अनुमानों के मुताबिक पहली तिमाही (अप्रैल-जून,2020) के दौरान गाड़ियों की बिक्री 25 से 45 फीसदी तक गिर सकती है. हैवी कॉमर्शियल व्हेकिल्स की बिक्री में 50 फीसदी तक गिरावट दर्ज हो सकती है. इस सेगमेंट में गाड़ियों की बिक्री घट कर 2008 के लेवल तक पहुंच सकती है. 2008 में मंदी के दौरान गाड़ियों की बिक्री में भारी गिरावट आई थी.
इंडस्ट्री के अनुमानों के मुताबिक पैंसेजर्स व्हेकिल की थोक बिक्री घट कर 1.5 लाख यूनिट तक पहुंच सकती है. पिछले साल इस अवधि में यह 8.73 लाख यूनिट थी. वहीं रिटेल सेल 7.94 लाख यूनिट से घट कर 2.5 लाख यूनिट तक रह सकती है. बिक्री में सबसे ज्यादा ट्रकों में देखी जा रही है.इकनॉमिक टाइम्स ने SIAM के प्रेसिडेंट राजन वढेरा के हवाले से खबर दी है कि जून में बिक्री में इजाफा दर्ज हो सकता है.हालांकि ऑटो प्लांट्स की क्षमताओं का 20 से 40 फीसदी का ही इस्तेमाल हो रहा है.
ऑटो इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का कहना है कि गाड़ियों की मांग में इजाफा इकनॉमी की बुनियादी मजबूती पर निर्भर करेगी. बगैर फंडामेंटल मजबूती के मांग में इजाफा होना मुश्किल है. इसके अलावा यह इस बात पर भी निर्भर है का आने वाले दिनों में कोविड-19 की दिशा क्या रहती है?हालांकि कोविड-19 के इस दौर में कई कंपनियों के डीलर आउटलेट खुल रहे हैं. मारुति सुजुकी में मार्केटिंग ईडी शशांक श्रीवास्तव ने कहा कि जून में इसके 90 फीसदी डीलर आउटलेट खुले थे.