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Go First: गो फर्स्ट को चौथी बार मिली राहत, अब एनसीएलटी ने दिया 60 और दिनों का समय
Go First Crisis: गो फर्स्ट ने पिछले साल खुद ही इन्सॉल्वेंसी के लिए अप्लाई किया था. उसके बाद से अब तक उसे प्रक्रिया को निपटाने के लिए समयसीमा में 4 बार विस्तार मिल चुका है...
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दिवालिया हो चुकी विमानन कंपनी गो फर्स्ट को एनसीएलटी से बड़ी राहत मिली है. राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने विमानन कंपनी को इन्सॉल्वेंसी की प्रक्रिया पूरी करने के लिए 60 दिनों का अतिरिक्त समय दे दिया है.
3 जून को समाप्त हुई डेडलाइन
कंपनी को पहले 3 जून 2024 तक इनसॉल्वेंसी की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए कहा गया था. हालांकि कंपनी डेडलाइन तक वैसा कर पाने में विफल रही थी. उसके बाद अब गो फर्स्ट को एनसीएलटी से डेडलाइन में विस्तार मिला है और उसे 60 दिनों का अतिरिक्त समय मिल गया है. अब कंपनी के पास इन्सॉल्वेंसी की प्रक्रिया को निपटाने के लिए जुलाई के बाद तक का समय मिल गया है.
चार बार मिल चुका है विस्तार
यह पहली बार नहीं है, जब गो फर्स्ट को इन्सॉल्वेंसी के लिए समयसीमा में विस्तार मिला है. गो फर्स्ट ने पिछले साल 2 मई को खुद से इन्सॉल्वेंसी के लिए अप्लाई करने की जानकारी दी थी. एनसीएलटी ने इन्सॉल्वेंसी प्रोसेस को दो महीने पहले ही नया एक्सटेंशन दिया था. पहले कंपनी के पास 4 अप्रैल तक का समय था. उसके बाद 8 अप्रैल को एनसीएलटी ने 60 दिनों की मोहलत देकर डेडलाइन को 3 जून तक खिसका दिया था. अब उसे फिर से 60 दिनों का अतिरिक्त समय मिला है. इस तरह गो फर्स्ट को अब तक 4 बार एक्सटेंशन मिल चुका है.
सारे प्लेन हो चुके हैं डी-रजिस्टर
इससे पहले इनसॉल्वेंसी प्रोसेस से गुजर रही गो फर्स्ट को पिछले महीने बड़ा झटका लगा था. कोर्ट के आदेश के बाद उसके सारे 54 विमान डी-रजिस्टर कर दिए गए थे. डाइरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) ने दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश पर अमल करते हुए गो फर्स्ट के सभी 54 प्लेन को डी-रजिस्टर किया था. दिल्ली हाई कोर्ट ने इस संबंध में फैसला सुनाते हुए विमानन नियामक डीजीसीए को 5 दिनों के भीतर अमल करने के लिए कहा था.
14 कंपनियों ने की थी कोर्ट से अपील
लीज पर विमान देने वाली विभिन्न कंपनियों ने इन विमानों का रजिस्ट्रेशन रद्द करने की मांग की थी. लीज देने वाली 14 कंपनियों ने इसके लिए पिछले साल दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. उन कंपनियों में एसएमबीसी एविएशन कैपिटल लिमिटेड, स्काई लीजिंग, जीवाई एविएशन लीज, एसीजी एयरक्राफ्ट लीजिंग, बीओसी एविएशन और चाइना डेवलपमेंट बैंक फाइनेंशियल लीजिंग कंपनी शामिल थीं.
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