होम लोन अक्सर लंबे समय के लिए होते हैं. ये लोन बड़ी रकम के होते हैं, जिन्हें कर्ज लेने वाला व्यक्ति धीरे-धीरे किस्तों यानी ईएमआई में चुकाता है. कई बार किसी आकस्मिक परिस्थिति या अन्य वित्तीय संकटों के चलते लोगों से ईएमआई भरने में चूक हो जाती है. अगर एकाध मौकों पर इस तरह की चूक हो तो उसे मैनेज किया जा सकता है, लेकिन बार-बार ईएमआई का भुगतान नहीं कर पाने का काफी बुरा असर हो सकता है. आइए जानते हैं कि होम लोन की ईएमआई डिफॉल्ट होने के क्या-क्या बुरे परिणाम हो सकते हैं...
क्रेडिट स्कोर
पिरामल फाइनेंस के एमडी जयराम श्रीधरन ने बताया कि एक ईएमआई डिफॉल्ट होने पर कर्ज लेने वाले व्यक्ति का क्रेडिट स्कोर अक्सर गिर जाता है. क्रेडिट स्कोर एक व्यक्ति की होम लोन पात्रता का एक महत्वपूर्ण फैक्टर होता है, इसलिए ऐसा डिफॉल्ट दूसरे होम लोन या किसी अन्य ऋण को प्राप्त करना बहुत मुश्किल बना सकता है.
सहयोगी आवेदकों पर प्रभाव
कर्ज के ऐसे डिफॉल्ट का प्रभाव आमतौर पर सहयोगी आवेदकों पर भी होता है और यह केवल मुख्य आवेदक सीमित नहीं रहता. ईएमआई के भुगतान में हुई चूक से क्रेडिट स्कोर कम हो जाता है, जो सहयोगी आवेदकों के लिए रोजगार से लेकर किराये के घर तक की दिक्कतें खड़ी कर सकता है.
लेट पेमेंट का भारी-भरकम चार्ज
जयराम श्रीधरन ने बताया कि लोग कर्ज लेते समय सबसे कम ब्याज दर पर ध्यान देते हैं, लेकिन अन्य शुल्कों को नजरअंदाज कर देते हैं. एक ऐसा ही महत्वपूर्ण शुल्क देर से भुगतान का जुर्माना होता है, जिसका मतलब है कि समय पर ईएमआई नहीं जमा करने पर जुर्माना देना होगा. यह शुल्क अलग-अलग बैंकों के हिसाब से अलग-अलग होता है, इस कारण लोन लेते समय इस पर गौर करना जरूरी है.
टॉप-अप और अन्य कर्ज
यदि लोन लेने वाला ईएमआई भुगतान का बढ़िया रिकॉर्ड बनाए रखता है तो भविष्य में विभिन्न प्रकार के टॉप-अप ऋण जैसे, व्यक्तिगत ऋण, आकस्मिक खर्च, घर निर्माण ऋण, घर की सुधार, विस्तार ऋण जैसे विभिन्न ऋण विकल्पों का चयन कर सकते हैं. वहीं एक भी ईएमआई भरने में चूक इन ऑफर्स को आपसे दूर कर सकता है.
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