(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Axis Mutual Fund: बी गोपकुमार बने एक्सिस म्यूचुअल फंड के नए सीईओ, चंद्रेश निगम ने दिया इस्तीफा
Axis Mutual Fund News: मई 2022 में एक्सिस म्यूचुअल फंड में फ्रंट रनिंग स्कैंडल का मामला सामने आया था.
Axis Mutual Fund Update: एक्सिस एसेट मैनेजमेंट कंपनी ने बी गोपकुमार को एक्सिस म्यूचुअल फंड का नया सीईओ नियुक्त किया है. चंद्रेश निगम के इस्तीफे के बाद गोपकुमार को एक्सिस म्यूचुअल फंड का सीईओ बनाया गया है. इससे पहले बी गोपकुमार एक्सिस सिक्योरिटिज के मैनेजुंग डायरेक्टर और सीईओ पद पर तैनात थे.
बीते साल एक्सिस म्यूचुअल फंड के दो फंड मैनेजर्स पर फ्रंट रनिंग स्कैंडल का आरोप लगा था. जब फंड हाउस ने अपने दो फंड मैनेजरों को सस्पेंड कर दिया था जिसमें से एक मुख्य डीलर विरेश जोशी था. वीरेश जोशी के घर पर इनकम टैक्स का रेड भी पड़ा था. एक्सिस म्युचुअल फंड ने अपने दो फंड मैनेजर्स- विरेश जोशी और दीपक अग्रवाल को सस्पेंड कर दिया था. साथ ही फंड हाउस ने 7 स्कीम के फंड मैनेजर्स को बदल दिया था. दोनों फंड मैनेजरों के निकाले जाने के बाद दोनों फंड मैनेजरों की देखरेख वाले फंड्स में अनियमितताओं की जांच भी की गई. हाल ही में शेयर बाजार के रेग्युलेटर सेबी ने 21 लोगों एनटिटी के शेयर बाजार पर ट्रेडिंग करने पर रोक लगा दी थी जिसमें एक्सिस म्यूचुअल फंड का पूर्व फंड मैनेजर वीरेश जोशी भी शामिल है.
फ्रंट रनिंग और इनसाइडर ट्रेनिंग दोनों ही मामलों में अपराधियों का मकसद कंपनी के शेयरों में ट्रेडिंग करके शेयर बाजार में पैसा बनाना है. हालांकि फ्रंट-रनिंग, इनसाइडर ट्रेनिंग से थोड़ा अलग होता है. इसमें, किसी फाइनैंशिनेंयल इंस्टीट्यूशन या म्यूचुअल फंड्स या किसी बड़े शेयर ब्रोकर के यहां काम करने वाला डीलर या मनी मैनेजर्स अपने संस्थान की तरफ से दिन में खरीदे जाने वाले ऑर्डर की जानकारी फा फायदा उठाकर उससे मुनाफा कमाने की कोशिश करते हैं. इनसाइडर ट्रेनिंग तब होती है, जब किसी कंपनी में काम करने वाले कर्मचारी को कुछ ऐसी जानकारी पता चल जाएं, जिससे फर्म के शेयरों पर असर पड़ सकता है और और वह उसका फायदा उठाकर शेयर बाजार में ट्रेडिंग कर मुनाफा कमाने की कोशिश करे.
म्यूचुअल फंड्स आमतौर पर बड़ी मात्रा में खरीदारी या बिकवाली करते हैं. यह खरीदारी या बिकवाली कब होने वाली है, डीलर को इसकी पूरी तरह से जानकारी रहती है. म्यूचुअल फंड के डीलर इसी जानकारी का फायदा उठाते हैं. म्यूचुअल फंड्स जिन शेयरों को खरीदने वाले होते हैं, उसे डीलर ठीक कुछ मिनट पहले ही खरीद लेते हैं. बाद में म्यूचुअल फंड्स के बड़ी मात्रा में खरीदारी से उस शेयर का दाम कुछ मिनटों में उपर चढ़ जाता है और इससे उन्हें फायदा उठा लेते हैं. ठीक इसी तरह वह म्यचूअल फंड्स की तरफ से किसी शेयर में बिकवाली करने से कुछ मिनट पहले उसके शेयर बेचकर फायदा कमाते हैं.
ये भी पढ़ें