Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर में भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम 22 जनवरी 2024 को है जिसके लिए बड़ी तैयारियां की जा रही है. राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा का दिन हर लिहाज से ऐतिहासिक होगा तो इसे लेकर आम लोगों में बेहद उत्साह है तो माना जा रहा है कि 22 जनवरी, 2024 देश में कारोबार के लिहाज से भी बेहद शानदार रहने वाला है. 22 जनवरी को देश में 50,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का व्यापार होने का अनुमान है.
50,000 करोड़ रुपये होगा व्यापार
ॉकनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट) ने एक कहा है कि 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर में भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन देश में 50,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त व्यापार होने का अनुमान है जिसके लिए कारोबारियों ने अभी से कमर कस ली है और इसकी जोर-शोर से तैयारियां की जा रही है. कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, विश्व हिंदू परिषद के आह्वान पर देश भर में श्री राम मंदिर के उद्घाटन को लेकर जिस अभियान को 1 जनवरी से चलाने की घोषणा की गई है और जो उत्साह देश भर के लोगों में दिख रहा है, उसने देश के सभी राज्यों में व्यापार के बड़े अवसर दिखाई दे रहे हैं और यह अनुमान लगाया जा रहा है कि जनवरी के महीने में 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक का व्यापार होगा.
बाजार में मिल रही भगवान राम से जुड़ी चीजें
प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि कहा कि देश के सभी बाजारों में बड़ी मात्रा में श्री राम ध्वजा, श्री राम अंग्वस्त्र सहित श्री राम के चित्र से अंकित मालाएं, लॉकेट, चाबी की रिंग, राम दरबार के चित्र, राम मंदिर के मॉडल के चित्र, सजावटी लटकनें , कड़े सहित अनेक प्रकार का सामान उपलब्ध है जिसकी भारी मांग देखने को मिलेगी. उन्होंने बताया कि श्री राम मंदिर के मॉडल की माँग बहुत अधिक है और यह मॉडल हार्डबोर्ड, पाइनवुड, लकड़ी आदि अन्य सामान से अलग अलग साइजों के तैयार किए जा रहे हैं. इन मॉडल को बनाने में बड़ी संख्या में महिलाओं को रोजगार मिल रहा है तो राज्यों में स्थानीय कारीगरों, कलाकारों एवं हाथ से काम करने वाले लोगों को भी बड़ा व्यापार मिल रहा है.
रोजगार के भी जगे अवसर
उन्होंने बताया कि, श्री राम मंदिर का यह दिन देश में व्यापार के साथ साथ रोजगार के नये अवसर भी पैदा कर रहा है. बड़ी संख्या में कुर्ते, टी शर्ट एवं अन्य वस्त्र भी तैयार किए जा रहे हैं जिन पर श्री राम मंदिर के मॉडल की हाथ से कढ़ाई हो रही है या फिर छपाई हो रही है और खास बात यह है कि कुर्ते बनाने में खादी का उपयोग किया जा रहा है. कैट के मुताबिक, 22 जनवरी को देश भर में दिवाली मनाये जाने के आह्वान को देखते हुए मिट्टी के दिये, रंगोली बनाने के लिए रंग, फूलों की सजावट के लिए फूल तथा बाजारों एवं घरों में रोशनी के लिए बिजली के सामान को उपलब्ध कराने वाले वर्ग को भी बड़ा व्यापार मिलने की संभावना है वहीं देश भर में प्रचार सामग्री जिसमें सड़कों पर लगने वाले होर्डिंग, पोस्टर, बैनर, पत्रक, स्टीकर बगैरह की तैयार किए जा रहे हैं. श्री राम मंदिर के कारण देश भर में संगीत व्यवसाय से जुड़े लोग भी इस अभियान में व्यापार से अछूते नहीं हैं.
22 जनवरी राम राज्य दिवस हो घोषित!
प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, इससे यह सिद्ध होता है कि सनातन अर्थव्यवस्था की जड़ें भारत में बहुत गहरी है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से 22 जनवरी को “राम राज्य दिवस” के रूप में घोषित करने की मांग की है.
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