Ayushman Bharat Digital Mission: केंद्रीय कैबिनेट ने आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन को मंजूरी प्रदान कर दी है और इस मिशन के तहत पांच सालों के लिये 1600 करोड़ रुपये का वित्तीय प्रावधान किया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई .
NHA होगी आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के लिए वर्किंग एजेंसी
सरकारी बयान के अनुसार, आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के माध्यम से टेलीमेडिसिन जैसी तकनीकों के उपयोग को प्रोत्साहित करके और स्वास्थ्य सेवाओं के राष्ट्रीय स्तर पर विकल्प चयन करके गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा तक समान और सुगम पहुंच को सुदृढ़ बनाया जा सकेगा. राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए), आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) की कार्यान्वयन एजेंसी होगी.
लोग बना सकेंगे आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता संख्या
इसमें कहा गया है कि इसके तहत देश के लोग अपनी आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता संख्या सृजित कर सकेंगे जिससे डिजिटल स्वास्थ्य रिकार्ड को जोड़ा जा सकेगा . यह विभिन्न स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं में व्यक्तियों के लिए विस्तृत स्वास्थ्य रिकॉर्ड बनाने में सक्षम होगा और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं द्वारा नैदानिक निर्णय लेने को बेहतर बनाएगा.
पायलट प्रोजेक्ट हुआ पूरा
बयान के अनुसार, आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन की प्रायोगिक परियोजना छह केंद्र शासित राज्यों लद्दाख, चंडीगढ़, दादरा और नगर हवेली, दमन दीव, पुदुचेरी, अंडमान निकोबार द्वीपसमूह और लक्षद्वीप में पूरा किया गया था. प्रायोगिक परियोजना के दौरान, डिजिटल सैंडबॉक्स बनाया गया था जिसमें 774 से अधिक भागीदार समाधान एकीकरण की प्रक्रिया में हैं.
24 फरवरी तक 17 करोड़ से ज्यादा खाते बनाए गए
इसमें कहा गया है कि 24 फरवरी 2022 तक, 17,33,69,087 आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाते बनाए गए हैं और एबीडीएम में 10,114 डॉक्टरों और 17,319 स्वास्थ्य सुविधाओं को पंजीकृत किया गया है.
सरकार ने गिनाए फायदे
सरकार का कहना है कि स्वास्थ्य इकोसिस्टम में डिजिटल स्वास्थ्य समाधान पिछले कुछ वर्षों में अत्यधिक लाभकारी सिद्ध हुए हैं और को-विन, आरोग्य सेतु और ई-संजीवनी ने यह दिखाया है कि स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच को सक्षम करने में प्रौद्योगिकी की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है. हालांकि, देखभाल की निरंतरता और संसाधनों के प्रभावी उपयोग के लिए ऐसे समाधानों को एकीकृत करने की आवश्यकता है.
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