Ayushman Bharat Yojana: नरेन्द्र मोदी की नई सरकार के 100 डेज एजेंडा में आयुष्मान भारत का फायदा 70 साल से ज्यादा उम्र के सभी लोगों को देने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय तैयार है. हेल्थ मिनिस्ट्री के सूत्रों ने बताया कि आयुष्मान भारत स्कीम का फायदा 70 साल या उससे ज्यादा उम्र के सभी लोगों को देना केंद्र सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में से एक है. इसके लिए प्रस्ताव की रूपरेखा पर काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अंतिम रूप दिए जाने के बाद, प्रस्ताव को धन आवंटन की मंजूरी के लिए व्यय वित्त समिति के पास भेजा जाएगा और फिर कैबिनेट को भेजा जाएगा. इसके अलावा रेगुलर वैक्सीनेशन का डिजिटलाइजेशन करने के लिए यू-विन पोर्टल को पूरे देश में लागू करना भी योजनाओं में शामिल है. 


स्वास्थ्य मंत्रालय का 14 पॉइंट एजेंडा पर होगा फोकस


स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने मंत्रालय का कार्यभार संभालने के बाद सीनियर अधिकारियों को 14 सूत्रीय एजेंडा पर फोकस करने के लिए कहा था. इसे अमली जामा पहनाने के लिए काम चालू हो चुका है. ध्यान रहे कि प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा चुनाव के लिए अप्रैल में बीजेपी का मेनिफेस्टो जारी करते हुए घोषणा की थी कि 70 साल से ज्यादा उम्र के सीनियर सिटीजन और ट्रांसजेंडर समुदाय को केंद्र सरकार की हेल्थ स्कीम 'आयुष्मान भारत योजना' के दायरे में लाया जाएगा.


स्वास्थ्य मंत्रालय के 14 पॉइंट एजेंडा में क्या है?


मंत्रालय के 14 सूत्रीय एजेंडे में हेल्थ इंश्योरेंस के तुरंत निपटान के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा दावा एक्सचेंज- नेशनल हेल्थ क्लेम एक्सचेंज (NHCX) शुरू करना, दूर-दराज के मुश्किल इलाकों में एम्स और दूसरे राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों से मेडिकल और हेल्थकेयर वस्तुएं पहुंचाने के लिए ड्रोन सर्विसेज का इस्तेमाल और पूर्व सैनिकों को कैशलेस ट्रीटमेंट सर्विसेज देना शामिल हैं.


हेल्थ मिनिस्ट्री के 100 डेज एजेंडा में क्या है खास?


100 डेज एजेंडा (सौ दिवसीय योजना) में जिन मुख्य सेक्टर्स पर ध्यान दिया जाएगा, उनमें व्यापार में आसानी - FSSAI के तहत चुनिंदा फूड बिजनेस में लाइसेंस या रजिस्ट्रेशन को 'तत्काल' जारी करना, हेल्थकेयर इमरजेंसी से निपटने के लिए केंद्रीय सरकारी अस्पतालों में 'आरोग्य मैत्री क्यूब्स' की तैनाती, एम्स की तर्ज पर बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के आयुर्विज्ञान संस्थान को वित्तीय मदद देना और 


नेशनल मेडिकल रजिस्टर को एक्टिव बनाने के प्लान की खास बातें-


राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग नेशनल मेडिकल रजिस्टर बनाने की प्रक्रिया में है.


ये भारत में प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टरों का एक सेंट्रलाइज्ड सेंटर होगा.


इसके तहत 2024 के आखिर तक देश के सभी डॉक्टरों के पास एक विशिष्ट पहचान संख्या यानी यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर होगा.


यह एक्सपेरिमेंटल बेस पर संचालित भी किया जाने लगा है.


Universal Immunization Programme में होगा अपग्रेड


यूनिवर्सल इम्यूनाइजेशन प्रोग्राम (यूआईपी) के तहत रेगुलर वैक्सीनेशन की इलेक्ट्रॉनिक रजिस्ट्री बनाए रखने के लिए 'को-विन' पर आधारित 'यू-विन' पोर्टल का संचालन एक राज्य और एक केंद्र शासित प्रदेश के दो जिलों में प्रायोगिक आधार पर किया जा रहा है. यह प्लेटफॉर्म यूआईपी के तहत बच्चों और गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण को रिकॉर्ड करेगा. यह को-विन से जुड़ा हुआ है.


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