Azad Engineering IPO: एयरोस्पेस, एनर्जी या डिफेंस में गुड्स सप्लाई करने वाली कंपनी आजाद इंजीनियरिंग का आईपीओ आज खुल रहा है. इस कंपनी की खास बात ये है कि इसमें दिग्गज क्रिकेटर रहे सचिन तेंदुलकर ने भी निवेश किया है. इस आईपीओ का साइज 740 करोड़ रुपये का है. इसमें से 240 करोड़ रुपये के फ्रेश शेयर जारी किए जा रहे हैं और बाकी 500 करोड़ रुपये के शेयर ऑफर फॉर सेल के जरिए जारी किए जा रहे हैं. अगर आप भी इस आईपीओ में निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं तो इससे पहले यह जान लें कि कंपनी में इसका प्राइस बैंड, लॉट आदि कितना तय किया है.
आजाद इंजीनियरिंग आईपीओ के जरूरी डेट्स के बारे में जानें-
आजाद इंजीनियरिंग का आईपीओ 20 दिसंबर को खुल रहा है. इसमें निवेशक 22 दिसंबर तक निवेश कर सकते हैं. कंपनी सब्सक्राइबर को शेयर का अलॉटमेंट 26 दिसंबर को करेगी. वहीं असफल निवेशकों को 27 दिसंबर को रिफंड मिलेगा. डीमैट खाते में शेयरों को 27 दिसंबर को ट्रांसफर किया जाएगा. वहीं शेयरों की लिस्टिंग 28 दिसंबर को होगी. शेयरों की BSE और NSE पर लिस्ट किया जाएगा. इस आईपीओ में कंपनी ने 50 फीसदी हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स के लिए रिजर्व किया है. वहीं रिटेल निवेशकों के लिए 35 फीसदी कोटा रिजर्व किया गया है और हाई नेट इंडिविजुअल के लिए 15 फीसदी हिस्सा रिजर्व किया गया है.
कंपनी ने कितना तय किया प्राइस बैंड?
आजाद इंजीनियरिंग इस आईपीओ के जरिए कुल 14,122,138 इक्विटी शेयरों की बिक्री करने वाला है जिसके लिए कंपनी ने शेयरों का प्राइस बैंड 499 रुपये से लेकर 524 रुपये के बीच तय किया है. वहीं रिटेल निवेशकों को कम से कम 1 लॉट साइज जिसमें कुल 28 शेयर होते हैं उसे खरीदना होगा. वहीं अधिकतम 13 लॉट साइट यानी 364 शेयरों पर खुदरा निवेशकों द्वारा बोसी लगाई जा सकती है. ऐसे में आप इसमें कम से 14,672 रुपये और अधिकतम 1,90,736 रुपये तक निवेश कर सकते हैं.
ग्रे मार्केट में कैसा है हाल?
ग्रे मार्केट में कंपनी के शेयर अभी से ही धूम मचा रहे हैं और यह फिलहाल 440 रुपये प्रति शेयर के GMP पर बने हुए हैं. ऐसे में लिस्टिंग वाले दिन तक यह स्थिति बनी रहती है तो इस आईपीओ के शेयरों की लिस्टिंग 83.97 फीसदी के तगड़े मुनाफे के साथ 964 रुपये प्रति शेयर पर हो सकती है.
आईपीओ की रकम का क्या करेगी कंपनी?
यह कंपनी एयरोस्पेस कंपोनेंट और टरबाइन बनाती है जो अपने प्रोडक्ट को एयरोस्पेस, डिफेंस, एनर्जी और ऑयल एंड गैस इंडस्ट्री के ओरिजिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर्स को सप्लाई करती है. इस कंपनी का कारोबार अमेरिका, चीन, यूरोप, पश्चिम एशिया और जापान तक फैला हुआ है. इस आईपीओ के जरिए जुटने वाली रकम से कंपनी अपने कर्ज को चुकाने के साथ ही बिजनेस को बढ़ाने और कॉरपोरेट उद्देश्यों को पूरा करेगी.
ये भी पढ़ें-