B20 Summit 2023 Update:  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि आने वाले सालों में भारत के पास सबसे बड़ा मध्यम वर्ग होगा. उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार गरीबों के हिसाब से नीतियां बना रही है और इसके कारण देश में मिडिल क्लास का नया उभार हो रहा है.


प्रधानमंत्री मोदी रविवार को बी20 शिखर सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर बातें की. क्रिप्टोकरेंसी से लेकर कारोबार करने की सुगमता जैसे मुद्दों पर उन्होंने अपनी बातें रखीं. इस दौरान उन्होंने अपनी सरकार की नीतियों के बारे में भी जानकारी दी.


देशों के टूटे भरोसे को जोड़ रहा भारत


पीएम मोदी ने अपने संबोधन में सभी देशों के बीच भरोसे के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि कोविड के दौरान विभिन्न देशों के बीच आपस में अविश्वास का माहौल कायम हो गया था. भारत उसे दुरुस्त कर रहा है. भारत ने महामारी के दौरान 150 से ज्यादा देशों को दवाओं की आपूर्ति की. उन्होंने ग्लोबल इकोनॉमी को लेकर कहा कि आने वाले समय में जिस देश की मित्रता भारत से ज्यादा गहरी होगी, उसकी अर्थव्यवस्था भी उतनी ही ज्यादा मजबूत होगी.


सिर्फ बाजार समझने की मानसिकता बदलें


ग्लोबल इकोनॉमी में एक देश का दूसरे देशों के साथ अंतर्संबंध पर उन्होंने कहा कि अन्य देशों को सिर्फ बाजार समझने की मानसिकता कभी काम नहीं करेगी. अगर प्रोग्रेस चाहिए तो हर किसी को बराबर का भागीदार समझना होगा. अगर यह रवैया अपनाएंगे तभी वे देश भी समृद्ध होंगे जो उत्पादन कर रहे हैं. इस दौरान उन्होंने कंपनियों के योगदान की तारीफ की. उन्होंने कहा, कंपनियां चाहे छोटी हों या बड़ी, वे संभावनाओं को समृद्धि में, बाधाओं को अवसरों में और आकांक्षाओं को उपलब्धियों में बदल सकती हैं.


सोलर एनर्जी की सफलता दोहराएगा भारत


प्रधानमंत्री ने कहा कि समय के साथ ग्लोबल सप्लाई चेन में भारत की भूमिका महत्वपूर्ण होती जाएगी. भारत इसमें अधिक अहम व प्रभावी भूमिका निभाने जा रहा है. उन्होंने ग्रीन एनर्जी पर भी भारत के योगदानों का जिक्र किया और कहा कि जो सफलता सोलर एनर्जी के मामले में भारत ने हासिल की है, उसे ग्रीन हाइड्रोजन सेक्टर में भी दोहराने का प्रयास किया जाएगा.


सभी को अपनाना चाहिए भारत का ये सिस्टम


बी20 समिट के दौरान अपने संबोधन में उन्होंने ग्रीन एनर्जी पर भारत के प्रयासों को दोहराया. उन्होंने कहा कि जिस तरह से हर कोई अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखते हैं, उसी तरह से ग्रह की सेहत का ख्याल रखना भी जरूरी है. इसी कारण भारत ने ग्रीन क्रेडिट सिस्टम की शुरुआत की है, जो एक प्रो-प्लैनेट अप्रोच है और हर देश को इसे अपनाना चाहिए. हमें ऐसा इकोसिस्टम बनाने की जरूरत है, जो हमारी पृथ्वी को स्वस्थ रखे.


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