नई दिल्ली: बाबा रामदेव के नेतृत्व वाली पतंजलि आयुर्वेद ने बताया है कि उसने नाॅन-कनवर्निटेबल डिबेंचर (एनसीडी) जारी करके 175 करोड़ रुपए जुटाए हैं. कंपनी के एक प्रवक्ता ने कहा कि हरिद्वार स्थित फर्म इस धनराशि का इस्तेमाल विस्तार और कार्यशील पूंजी के लिए करेगी. इस निर्गम को मंगलवार को खुलने के चार मिनट के भीतर पूरा अभिदान मिल गया.


किस बैंक ने कितने रुपए निवेश किए?


कंपनी के प्रवक्ता एस के तिजारावाला ने कहा, ‘‘पतंजलि आयुर्वेद ने एनसीडी के जरिए 175 करोड़ रुपए जुटाए.’’ इस निर्गम में से 60 करोड़ रुपए आईडीबीआई बैंक ने, 90 करोड़ रुपए पंजाब नेशनल बैंक ने और बाकी 25 करोड़ रुपये यूको बैंक ने निवेश किए.



कंपनी के रेवन्यू में 13.4 फीसदी की ग्रोथ आई- प्रवक्ता


कंपनी के प्रवक्ता एस के तिजारावाला ने अपने ट्वीट में ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट भी शेयर की. ब्लूमबर्ग की इस रिपोर्ट के मुताबिक पिछले वित्तीय वर्ष के मुकाबले कंपनी के रेवन्यू में 13.4 फीसदी की ग्रोथ आई है. इससे पहले पिछले साल पतंजलि आयुर्वेद ने एनसीडी के जरिए 250 रुपए इकट्ठा किए थे. दावा है कि तब भी तीन मिनट के अंदर ही सारे डिबेंचर सब्स्क्राइब हो गए थे.


बता दें कि डिबेंचर पैसे जुटाने का एक तरीका होता है. इसके जरिए कंपनियां पैसे लेकर अपना काम करती हैं. आम तौर पर डिबेंचर, डिबेंचर-धारक की तरफ से स्वतंत्र रूप से हस्तांतरणीय हैं. डिबेंचर-धारकों को कोई वोटिंग अधिकार नहीं होता और उनको प्रदत्त ब्याज, कंपनी की वित्तीय विवरणियों में लाभ के प्रति प्रभार होता है.


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