Bad Bank: देश में बैड बैंक बनाने के लिए जुरूरी सभी मंजूरियां मिल गई हैं. देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (State Bank of India) के चेयरमैन दिनेश खारा नेकहा कि प्रस्तावित बैड बैंक (Bad Bank) के परिचालन शुरू करने के लिए मंजूरियां मिल गई हैं. उन्होंने बताया कि  पब्लिक सेक्टर के बैंकों के पास नेशनल असेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लि. (एनएआरसीएल) में सबसे बड़ी हिस्सेदारी होगी.  वहीं प्राइवेट बैंकों के पास इंडिया डेट रिजॉल्युशन कंपनी लि. (आईडीआरसीएल) की अहम हिस्सेदारी होगी. 


 बैड बैंक को टांसफर होंगे 50 हजार करोड़ के असेट्स
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने पिछले आम बजट (Union Budget) में बैड बैंक बनाने का ऐलान किया था. बैड बैंक सभी बैंकों के बैलेंसशीट को साफ सुथरा बनाने के लिए बैड असेट्स को अपने पास लेगी. एसबीआई चेयरमैन ने बताया कि शुरुआती चरण में प्रस्तावित बैड बैंक में 50,000 करोड़ रुपये के लगभग 15 मामले ट्रांसफर किए जाएंगे. बैड बैंक में लगभग 2 लाख करोड़ रुपये के बैड असेट ट्रांसफर किए जा सकते हैं. 


शुरुआत चिंताओं के बाद मिली मंजूरी
एसबीआई के चेयरमैन के मुताबिक फिलहाल 83,000 करोड़ रुपये के 38 अकाउँट्स की पहचान की गई है जिसे बैड बैंक को ट्रांसफर किया जाएगा.  एनएआरसीए बैंकों से चिह्नित एनपीए खातों का अधिग्रहण करेगी औ, वहीं आईडीआरसीएल कर्ज के समाधान की प्रक्रिया को देखेगी. 


असेट रिजॉल्युशन में आएगी तेजी
बैड बैंक की स्थापना के साथ बैंकिंग सेक्टर में असेट रिजॉल्युशन में तेजी आने की उम्मीद है. एसबीआई चेयरमैन मानते हैं कि इस पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप से संकटग्रस्त असेट्स के एग्रीगेशन, समाधान का फायदा मिलेगा. 


बैड बैंक बनाने का मकसद
पब्लिक सेक्टर के बैंकों की बैलेंस शीट साफ करने के लिए उनकी बैड असेट्स के अधिग्रहण करने के उद्देश्य से बैड बैंक की कल्पना की गई थी. उस कर्ज को बैड लोन माना जाता है, जिन पर 90 दिन से ज्यादा समय से कोई ब्याज या मूल धन प्राप्त नहीं हुआ हो. रिजर्व बैंक ने 29 दिसंबर की फाइनेंशियल स्टैबिलिटी रिपोर्ट में कहा था, स्ट्रेस टेस्ट से सामने आया है कि सितंबर, 2022 तक ग्रॉस एनपीए 8.1 फीसदी हो सकता है, जो सितंबर, 2021 तक 6.9 फीसदी था और गंभीर संकट के दौरान इस अवधि में एनपीए बढ़कर 9.5 फीसदी भी हो सकता है. 


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