मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में कंज्यूमर लोन फाइनेंस कंपनी बजाज फाइनेंस का शुद्ध मुनाफा 19 फीसदी घट गया है. लॉकडाउन की वजह से कंज्यूमर मांग में कमी की वजह से कंपनी के मुनाफे में यह गिरावट आई है. लोन डिमांड में कमी की वजह से जून, 2020 में कंपनी का कंसोलोडिटेड मुनाफा गिर कर 962 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. पिछले साल की सामान अवधि में यह 1,195 रुपये था.


लॉकडाउन से कंज्यूमर लोन ग्रोथ को झटका 


कंपनी ने 1450 करोड़ रुपये की अतिरिक्त प्रोविजनिंग की है. कंपनी की कुल प्रोविजनिंग बढ़कर अब 2970 करोड़ रुपये हो गई है. पहली तिमाही में एयूएम ग्रोथ 10 साल में सबसे सुस्त रही है. लोन ग्रोथ भी कमजोर रही है. कंपनी के लोन ग्रोथ को लॉकडाउन से झटका लगा है. इससे कंपनी का बिजनेस अधिग्रहण और कस्टमर से बकाया वसूली भी प्रभावित हुई है.कंपनी 21,705 का एयूएम (असेट अंडर मैनेजमेंट) यानी 15.7 फीसदी मोरेटोरियम के तहत है. कंपनी की एयूएम ग्रोथ सिर्फ 7 फीसदी रही जो बेहद कम है.


एयूएम में दस साल की सबसे कम ग्रोथ 


अप्रैल के 38600 करोड़ रुपये के मुकाबले यह 21700 करोड़ रुपये रहा. एयूएम में ग्रोथ 10 साल की सबसे कम ग्रोथ है. एयूएम 30 जून 2020 को करीब 1.38 लाख करोड़ रुपये रहा. 30 जून 2019 को यह 1.29 लाख करोड़ रुपये था. बजाज फाइनेंस ने लंबे समय से अपने निवेशकों को बेहतरीन रिटर्न दिया है. जुलाई 2005 से जुलाई 2020 के बीच इसके शेयरों का भाव 25 रुपये से बढ़कर 3300 रुपये पहुंच गया. यानी यहां 15 साल में निवेशकों का पैसा 132 गुना बढ़ गया.


इस बीच, बजाज फाइनेंस के चेयरमैन राहुल बजाज ने इस महीने के आखिर तक कंपनी के चेयरमैन पद से हटने का एलान किया है. राहुल बजाज ने 31 जुलाई 2020 से चेयरमैन पद से हटने का फैसला लिया है. हालांकि राहुल बजाज कंपनी के नॉन-एग्जिक्यूटिव नॉन इंडिपेंडेंट डायरेक्टर के तौर पर बने रहेंगे.राहुल बजाज के फैसले की खबर आने के बाद बीएसई पर कंपनी के शेयर 6.5 फीसदी की गिरावट के रूप में दिखे.