Pet Care Survey: बंग्लुरू ने पेट केयर इंडस्ट्री के मामले में दिल्ली और मुंबई को पछाड़ा, सर्वे से पेट पेरेंटिंग को लेकर मिली जानकारी
Supertails Survey About Pets: सर्वे के मुताबिक ये तथ्य निकलकर आए हैं कि देश की टियर 2 और टियर 3 शहरों में पेटकेयर यानी पालतू जानवरों के ऊपर होने वाला खर्च काफी ज्यादा तेजी से बढ़ा है.
Supertails Survey About Petcare Industry: देश में हाल के सालों में एक नया ट्रेंड उभरकर सामने आया है और पेट पेरेंटिंग के प्रति लोगों का रुझान बढ़ा है. पेट केयर के प्रोडक्ट्स के खरीदारी तेजी से बढ़ी है और पेट केयर इंडस्ट्री तेजी से आगे बढ़ रही है. ऐसे में इस सेक्टर के प्रति भी लोगों में रुझान बढ़ रहा है और इंडस्ट्री को लेकर नए-नए तथ्य सामने आ रहे हैं.
सुपरटेल्स डॉटकॉम के 'Pawrents' सर्वे के मुताबिक ये तथ्य निकलकर आए हैं. देश की टियर 2 और टियर 3 शहरों में पेटकेयर यानी पालतू जानवरों के ऊपर होने वाला खर्च काफी ज्यादा तेजी से बढ़ा है. पिछले 2 सालों में Gen-Z के 48 फीसदी लोगों में पेट पेरेंटिंग यानी पालतू जानवरों की देखरेख का क्रेज बढ़ा है.
सुपरटेल्स डॉटकॉम के सर्वे में 500 से ज्यादा पेट पेरेंट्स के बीच इन बातों को लेकर सर्वे किया गया और इसके नतीजे यहां आप जान सकते हैं.
- बंग्लुरू के 55 फीसदी लोग हर महीने करीब 3000 रुपये या इससे ज्यादा अपने पालतू पशुओं की देखरेख या पालन पोषण पर खर्च करते हैं. मुंबईकरों के लिए ये आंकड़ा 52 फीसदी लोगों का है.
- दिल्ली की बात करें तो 40 फीसदी दिल्लीवासी हर महीने करीब 1500-3000 रुपये अपने पालतू पशुओं पर खर्च करते हैं.
- महामारी के बाद पेट पेरेंटिंग एडॉप्शन में सबसे ज्यादा 48 फीसदी का उछाल GenZ में देखा गया है और 44 फीसदी Millenials में देखा गया है.
- मेट्रो सिटी के जो पेट पेरेंट्स हर महीने अपने पालतू पशुओं पर 3000 रुपये खर्च करते हैं उनका आंकड़ा 39 फीसदी है.
- टियर 2 और टियर 3 शहरों में 47 फीसदी पेट पेरेंट्स अपने पेट्स पर हर महीने 1500-3000 रुपये खर्च करते हैं.
सर्वे का क्या है नतीजा
नए जमाने के माता-पिता के रूप में पालतू-पालन की यात्रा मुश्किल होती है लिहाजा ऐसे मामलों में, डिजिटल रूप से जानकार बच्चे ऑनलाइन जानकारी खोजते हैं और पूरी तरह से अपने लोकल पशु चिकित्सक पर निर्भर होते हैं. हालांकि, 93 फीसदी Gen-Z का मानना है कि उनके पालतू पशुओं की देखभाल के लिए ऑनलाइन पर्याप्त विश्वसनीय जानकारी उपलब्ध नहीं है.
सर्वे के और तथ्य जानें
हालांकि सर्वे से ये भी बात सामने आई है कि 72 फीसदी पावरेंट मानते हैं कि आसान पहुंच के लिए ऑनलाइन पशु चिकित्सक परामर्श उपलब्ध कराया जाना चाहिए. टियर 2 और 3 शहरों में, 73 फीसदी पेट ओनर्स को ऑनलाइन पशु चिकित्सा सेवाओं तक पहुंचने में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. हालांकि, 67 फीसदी लोगों का मानना है कि पेटकेयर उद्योग में सबसे बड़ी जरूरत-इमरजेंसी कंसल्टेशन तक पहुंच की है.
Supertails के बारे में भी जानें
Supertails.com सभी पालतू जानवरों की देखभाल की जरूरतों के लिए वन-स्टॉप डेस्टिनेशन है. कंपनी पशु चिकित्सा परामर्श और ऑनलाइन खरीदारी सहित पालतू जानवरों के लिए उत्पादों और सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करती है. कंपनी का मिशन पालतू जानवरों के पालन-पोषण को आसान बनाना और पालतू जानवरों के माता-पिता के लिए पालतू जानवरों की देखभाल को अधिक सुलभ और किफायती बनाना है.
वरुण सदाना, अमन टेकरीवाल और विनीत खन्ना ने जून 2021 में Supertails.com की स्थापना की. उनका कॉर्पोरेट मुख्यालय बैंगलोर में है, Supertails.com का उद्देश्य भारत के बढ़ते पालतू जानवरों की देखभाल करने वाले उद्योग के लिए एक समग्र पालतू देखभाल मंच बनाना है. Supertails.com सही संसाधनों और सूचनाओं के साथ उन्हें सशक्त बनाकर पहली बार पालतू माता-पिता की एक श्रेणी का निर्माण और नेतृत्व कर रहा है.
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