Bangladesh Crisis: बांग्लादेश (Bangladesh) में राजनीतिक संकट (Political Crisis) भारत की टेक्सटाइल कंपनियों (Indian Textile Companies) के लिए वरदान साबित हो रहा है. ग्लोबल टेक्सटाइल सप्लाई चेन में बांग्लादेश की पकड़ बेहद मजबूत हुआ करती थी. लेकिन बांग्लादेश को अब राजनीतिक उठापटक के साथ लॉजिस्टिक्स जटिलताओं का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में भारत की टेक्सटाइल कंपनियों के सुनहरे दिन वापस लौटने लगे हैं. अमेरिका और यूके को किए जाने एक्सपोर्ट्स में भारत की हिस्सेदारी में जोरदार उछाल आया है. 


अमेरिका-यूके को एक्सपोर्ट्स में बढ़ी भारत की हिस्सेदारी


ब्रोकरेज हाउस जेएम फाइनेंशियल (JM Financial) ने भारत के टेक्सटाइल सेक्टर को लेकर एक रिपोर्ट जारी किया है. इस रिपोर्ट में कंपनी ने बताया कि भारत की टेक्सटाइल कंपनियां को लगता है कि मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में डिमांड में उछाल देखने को मिल सकता है. अमेरिका (United States) और यूनाइटेड किंग्डम (United Kingdom) को किये जाने वाले टेक्सटाइल एक्सपोर्ट्स में भारत के मार्केट शेयर में 2023 के मुकाबले 2024 में जोरदार इजाफा हुआ है. साल 2023 में अमेरिका को किए जाने वाले एक्सपोर्ट्स में भारत की हिस्सेदारी 6 फीसदी थी जो 2024 में बढ़कर 7 फीसदी पर जा पहुंची है. यूके को किए जाने वाले टेक्सटाइल एक्सपोर्ट्स में भारत की हिस्सेदारी 2023 में 5 फीसदी थी जो बढ़कर 2024 में 6 फीसदी पर आ गई है.   


बांग्लादेश संकट बना वरदान 


जेएम फाइनेंशियल ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि ग्लोबल टेक्सटाइल सेक्टर में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है और बांग्लादेश में चल रहे बवाल के चलते इंटरनेशनल रिटेलर्स के लिए भारत एक रणनीतिक विकल्प के तौर पर उभरा है. रिपोर्ट के मुताबिक इमर्जिंग मार्केट के टेक्सटाइल हब में चुनौतियों के चलते भारत के टेक्सटाइल एक्सपोर्ट करने वाली कंपनियों के लिए शानदार अवसर आ गया है.


भारत की टेक्सटाइल कंपनियों के लौटे अच्छे दिन 


रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेश जो कि ऐतिहासिक तौर पर टेक्सटाइल एक्सपोर्ट्स के मामले में दिग्गज देश रहा है, वहां भारी आंतरिक तनाव देखा जा रहा है. साथ ही वियतनाम (Vietnam) में हाई फैक्टर कॉस्ट भारत के गारमेंट्स एक्सपोर्ट करने वाली कंपनियों के लिए फायदेमंद साबित होगा. दुनियाभर में टेक्साइटल एक्सपोर्ट में चीन की हिस्सेदारी घट रही है जिसका फायदा भारत को हो रहा है. लेबर कॉस्ट में उछाल और  China+1 पॉलिसी काम करती नजर आ रही है. गोकलदास एक्सपोर्ट्स (Gokaldas Exports) और इंडोकाउंस जैसी कंपनियों का कहना है कि 2024 की दूसरी छमाही में बाजार में हालात में सुधार का उन्हें फायदा मिलेगा. 


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