Bangladesh News: बांग्लादेश में राजनीतिक संकट, भारत के लिए खड़ी हो गई नई कारोबारी मुसीबत- जानें क्यों
Bangladesh Government Crisis: पड़ोसी देश बांग्लादेश में चल रही राजनीतिक अस्थिरता भारत के लिए कारोबारी लिहाज से चिंता की बात है क्योंकि भारत-बांग्लादेश के बीच निर्यात और आयात दोनों पर असर दिखेगा.
India-Bangladesh Trade Relationship: भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता आज चरम पर पहुंच गई जब बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. प्रोथोम एलो डेली से मिली जानकारी के मुताबिक आज दोपहर 2:30 बजे पीएम शेख हसीना को लेकर सैन्य हेलीकॉप्टर बंगभवन से रवाना हुआ. संबंधित सूत्रों ने बताया कि वे हेलीकॉप्टर से भारत के लिए रवाना हुईं हैं और उनकी छोटी बहन शेख रेहाना भी उनके साथ थीं. पड़ोसी देश में ये अस्थिरता भारत के लिए कारोबारी लिहाज से कितनी चिंता की बात है, ये जानना जरूरी है.
बांग्लादेश का लेटेस्ट अपडेट
ताजा जानकारी के मुताबिक बांग्लादेश के सेना प्रमुख ने अब कहा है कि यहां से कर्फ्यू हटा लिया गया है. इससे पहले बांग्लादेश में प्रदर्शनकारी पीएम आवास में घुस गए थे और कॉफी मशीन, गमले, फर्नीचर और दूसरे महंगे सामान लेकर चले गए. हालांकि प्रधानमंत्री शेख हसीना तब तक वहां से रवाना हो चुकी थीं.
भारत से बांग्लादेश को करीब 11.50 बिलियन डॉलर का एक्सपोर्ट
भारत और बांग्लादेश दोनों ही पड़ोसी देश हैं और दोनों देशों के बीच काफी बड़ी मात्रा में व्यापार होता है. बांग्लादेश दक्षिण एशिया में भारत का सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है और भारत एशिया में बांग्लादेश का दूसरा सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है. वित्त वर्ष 2023-24 में बांग्लादेश ने भारत को 1.97 बिलियन अमेरिकी डॉलर का सामान निर्यात किया. वित्त वर्ष 2023-24 में कुल द्विपक्षीय व्यापार (Bilateral Trade) 14.01 बिलियन अमेरिकी डॉलर बताया गया है. संयुक्त राष्ट के COMTRADE डेटाबेस के मुताबिक साल 2023 में भारत से बांग्लादेश को कुल 11.25 बिलियन डॉलर का एक्सपोर्ट किया गया था. साल 2022 में ये एक्सपोर्ट 13.8 बिलियन डॉलर और साल 2021 में ये 14.1 बिलियन डॉलर पर रहा था.
भारत से बांग्लादेश को निर्यात के मुख्य कंपोनेंट (2023)
खनिज ईंधन, तेल, डिस्टिलिशन उत्पाद 2.19 बिलियन डॉलर
कपास 2.18 बिलियन डॉलर
अवशेष, खाद्य उद्योग के अपशिष्ट, पशु चारा 733.42 मिलियन डॉलर
रेलवे, ट्रामवे के अलावा अन्य वाहन 593.97 मिलियन डॉलर
मशीनरी, परमाणु रिएक्टर, बॉयलर 552.41 मिलियन डॉलर
खाने योग्य सब्जियां और कुछ जड़ें और कंद 464.31 मिलियन डॉलर
चीनी और चीनी कन्फेक्शनरी 391.60 मिलियन डॉलर
कार्बनिक रसायन 369.71 मिलियन डॉलर
कॉफी, चाय, मेट और मसाले 293.73 मिलियन डॉलर
लोहा और इस्पात 287.42 मिलियन डॉलर
(नोटः- ये डेटा अगस्त 2024 तक के मुताबिक है)
बांग्लादेश में भारत की कपड़ा कंपनियों का सुनहरा दौर देखेगा चिंता?
ब्राजील के बाद भारत बांग्लादेश के लिए दूसरा सबसे बड़ा कॉटन (कपास) सप्लायर है और 12 फीसदी बाजार हिस्सेदारी रखता है. अमेरिका के कृषि विभाग (यूएसडीए) के मुताबिक भारतीय कंपनियां बांग्लादेश में प्रमुख खिलाड़ी बनकर उभरी हैं. पिछले एक दशक से ज्यादा समय में भारतीय कपड़ा कंपनियों ने बांग्लादेश के बाजार का भरपूर इस्तेमाल किया है लेकिन ताजा राजनीतिक चिंता से ये पूरा गणित खराब हो सकता है. भारत क्वालिटी अपैरेल और कॉस्ट इफेक्टिव प्रोडक्शन की बढ़ती मांग को बांग्लादेश में सस्ती लेबर के जरिए पूरा कर रहा था लेकिन अब ताजा हालात से आगे क्या स्थिति बनेगी, ये देखना जरूरी होगा.
बांग्लादेश में ताजा अस्थिरता से बिगड़ेंगे भारत के कारोबारी हित
भारत और बांग्लादेश दोनों ही पड़ोसी देश होने के साथ-साथ अहम ट्रेड पार्टनर भी हैं. जहां भारत को आयात के मोर्चे पर बांग्लादेश से कच्चा माल मिलता है वहीं भारतीय कंपनियों के लिए बांग्लादेश एक बड़ा बाजार है. इस पड़ोसी मुुल्क में राजनीतिक तनाव से निश्चित तौर पर दोनों देशों के कारोबारी हित पर असर होगा और भारत को इसमें ज्यादा नुकसान उठाना पड़ेगा क्योंकि इंडियन गुड्स की सप्लाई वहां की जाती है.
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