Bangladesh Inflation & Financial Update: भारत का पड़ोसी देश बांग्लादेश जो जुलाई से भारी राजनीतिक अस्थिरता से जूझते हुए सत्ता का तख्तापलट देख चुका है. अब वित्तीय मोर्चे पर भी इसको तगड़ी चोट लग रही है. जुलाई में बांग्लादेश में महंगाई दर सालों का रिकॉर्ड तोड़कर नई उंचाई पर चली गई है. बांग्लादेश में जुलाई रिटेल (खुदरा) महंगाई दर 11.66 फीसदी पर पहुंच गई जो इसका 12 साल के उच्च स्तर है.
खाद्य महंगाई दर में उछाल बांग्लादेश में महंगाई दर चढ़ने की वजह
बांग्लादेश के लोकल न्यूजपेपर 'द ढाका ट्रिब्यून' ने लिखा है कि जुलाई में खाने-पीने की वस्तुओं की महंगाई दर चढ़ने की वजह से खुदरा महंगाई दर 12 साल के उच्चतम स्तर पर जा पहुंची है और रिटेल महंगाई दर का पिछला हाई लेवल मई में 9.94 फीसदी रहा था. जुलाई में खाद्य महंगाई दर 14.10 फीसदी के रिकॉर्ड स्तर पर रही जबकि नॉन-फूड आर्टिकल्स की महंगाई दर 9.68 फीसदी रही है. इसके पहले जून के महीने में ये दोनों 10.42 फीसदी और 9.15 फीसदी पर रहे थे. सांख्यिकी ब्यूरो की तरफ से जारी आंकड़ों के हवाले से ये डेटा जारी किया गया है.
बांग्लादेश के केंद्रीय बैंक और फाइनेंशियल इंटेलीजेंस यूनिट में ताबड़तोड़ इस्तीफे
एक हफ्ते तक लगभग सभी सरकारी और वित्तीय कामकाज बंद रहने के दौरान बांग्लादेश में आर्थिक संस्थानों में भी लगातार हलचल मची है. ताजा अपडेट में बांग्लादेश बैंक के गवर्नर के इस्तीफे के अब यहां सेंट्रल बैंक के एक सलाहकार अबू फराह मोहम्मद नासिर ने भी इस्तीफा दिया है. साथ ही दो डिप्टी गवर्नर काजी सैदुर रहमान और मोहम्मद खुर्शीद आलम ने इस्तीफा दिया है. बांग्लादेश की मनी लॉन्ड्रिंग और संदिग्ध लेनदेन की जांच करने वाली सरकारी एजेंसी बीएफआईयू यानी और फाइनेंशियल इंटेलीजेंस यूनिट बांग्लादेश (BFUI) चीफ प्रमुख मसूद बिस्वास ने भी इस्तीफा दे दिया है. बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के निर्देश के बाद इन अधिकारियों ने अपने इस्तीफे दिए हैं. बीते हफ्ते शुक्रवार को बांग्लादेश बैंक के गवर्नर अब्दुर रौफ तालुकदार ने व्यक्तिगत वजहों का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया था.
बांग्लादेश में क्या है FMCG कंपनियों की हालत
बांग्लादेश में कारोबार करने वाली भारतीय FMCG कंपनियों का कहना है कि अब उनका बिजनेस धीरे-धीरे सामान्य स्थिति की तरफ लौटने लगा है. कई भारतीय एफएमसीजी कंपनियों का बांग्लादेश में भी कारोबार है जिनमें ब्रिटानिया, गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, मैरिको, डाबर, इमामी और पिडिलाइट इंडस्ट्रीज शामिल हैं. इनके अलावा डोमिनोज पिज्जा चेन चलाने वाली कंपनी जुबिलेंट फूडवर्क्स लिमिटेड (JFL) के भी बांग्लादेश में करीब 30 स्टोर हैं.
मैरिको का क्या है कहना
मैरिको ने कहा है कि उसकी मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट्स ने 11 अगस्त को सामान्य कामकाज शुरू कर दिया. कंपनी के मुताबिक बाजार में ऑपरेशनल कंडीशन धीरे-धीरे सुधर रही हैं और उसकी रिटेल वर्कफोर्स और डिस्ट्रीब्यूटर्स का एक बड़ा हिस्सा काम करने लगा है. मैरिको के इंटरनेशनल बिजनेस में बांग्लादेश की हिस्सेदारी 44 फीसदी तक है. इसके वहां दो कारखाने और पांच डिपो हैं. साल 1999 में इसने एक सब्सिडियरी मैरिको बांग्लादेश बनाई थी जो वहां के शेयर बाजारों में लिस्टेड एंटिटी भी है.
डाबर इंडिया ने क्या कहा
डाबर इंडिया ने भी कहा कि उसके कारखाना और स्टॉक रखने वाले कारोबारी अब सामान्य कारोबार कर रहे हैं. डाबर के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (CEO) मोहित मल्होत्रा ने कहा कि हम हालात पर करीबी नजर रखे हुए हैं और सामान्य स्थिति बहाल करने की सभी कोशिशों के तहत जल्द ऑपरेशन पूरी तरह चालू हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि डाबर के कंसोलिडेटेड रेवेन्यू में एक फीसदी से कम और मुनाफे में 0.5 फीसदी से कम योगदान बांग्लादेश का है. भारतीय कंपनी इमामी की भी बांग्लादेश में मौजूदगी है लेकिन यह साइज में छोटी है. इमामी के कुल कंसोलिडेटेड रेवेन्यू में बांग्लादेश का लगभग चार फीसदी का योगदान है.
अंतरिम सरकार के गठन के बाद स्थिति नियंत्रण में आ रही
पिछले हफ्ते बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का गठन होने के बाद से स्थिति धीरे-धीरे नियंत्रण में आ रही है. बांग्लादेश में अब अंतरिम सरकार के चीफ मोहम्मद युनुस हैं जो बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के नेता हैं और देश की सत्ता संभाल रहे हैं. हालांकि जुलाई से बांग्लादेश में जो आग सुलग रही है उसमें शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद और देश छोड़ना पड़ा.
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने 15 अगस्त का राष्ट्रीय अवकाश रद्द कर दिया है. सलाहकार परिषद की बैठक में 15 अगस्त की छुट्टी रद्द करने को मंजूरी दे दी गई. बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के पिता और देश के संस्थापक बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की हत्या 15 अगस्त को ही की गई थी और इस दिन बांग्लादेश में नेशनल हॉलिडे रहता था.
बांग्लादेश का सारा मामला जानें
जुलाई में बांग्लादेश में देशव्यापी छात्र आंदोलन की वजह से आर्थिक गतिविधियों पर असर हुआ और सरकारी नौकरियों में आरक्षण के विरोध में उतरे प्रदर्शनकारियों ने शेख हसीना की अगुवाई वाली सरकार के इस्तीफे की मांग भी की. अगस्त की शुरुआत में यह प्रदर्शन हिंसक हो गया जिसके बाद हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर देश छोड़ना पड़ा. अगस्त के शुरुआती हफ्ते में बांग्लादेश घरेलू हिंसा की चपेट में आ गया था. सरकार-विरोधी प्रदर्शनों के उग्र रूप अख्तियार करने के बाद तमाम कारोबारी गतिविधियां ठप पड़ गई थीं.
पांच अगस्त को शेख हसीना सरकार के गिरने के बाद देशभर में भड़की हिंसा की घटनाओं में बांग्लादेश में 230 से अधिक लोग मारे गए. इसके चलते इन प्रदर्शनों के बाद से मरने वालों की संख्या बढ़कर 560 हो गई. सारी दुनिया ने देखा कि प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री आवास में घुस गए और वहां तोड़फोड़, आगजनी और लूटपाट जैसी घटनाओं को अंजाम दिया. इस राजनीतिक उठापटक में कई दिनों तक कर्फ्यू लगा और इंटरनेट बंद रहा जिसके बाद बांग्लादेश सुर्खियों में बना हुआ है.
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