Bangladesh-India Textile Industry: आज नेशनल हैंडलूम डे है और भारत की टेक्सटाइल इंडस्ट्री के लिए इत्तेफाक की बात है कि पड़ोसी देश बांग्लादेश में उपजे संकट से कपड़ा उद्योग के लिए नए कारोबारी मौके बनते दिख रहे हैं. भारत में कुल 4.5 करोड़ लोगों को टेक्सटाइल इंडस्ट्री में रोजगार मिला हुआ है जिनमें 35.22 लाख हैंडलूम वर्कर्स हैं. बांग्लादेश के ताजा हालात से वहां की टेक्सटाइल इंडस्ट्री पर संकट गहराता दिख रहा है और माना जा रहा है कि ऐसे में अंतरराष्ट्रीय टेक्सटाइल खरीदार या कंपनियां भारत जैसे बाजारों का रुख कर सकती हैं. पड़ोसी देश की आपात स्थिति का फायदा देश के कपड़ा उद्योग को मिल सकता है क्योंकि व्यापार रुकता नहीं है. डिमांड और सप्लाई का नियम चलता रहता है और जो इसे पूरा करेगा वही ग्लोबल बाजार में अपनी स्थिति मजबूत कर पाएगा.


बांग्लादेश में उठापटक से भारत की टेक्सटाइल इंडस्ट्री को कैसे फायदा


भारत और बांग्लादेश के बीच कारोबार का सबसे तगड़ा सूत्र कपड़ा इंडस्ट्री के जरिए होकर गुजरता है. कपड़ा बाजार में चीन के बाद बांग्लादेश दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कपड़ा निर्यातक है. तीसरे स्थान पर भारत है और बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति को देखकर साफ तौर पर माना जा रहा है कि इसका फायदा भारत को मिलने वाला है. अब जब बांग्लादेश में उठापटक मची हुई है तो निश्चित तौर पर भारत के लिए मौके और अपार संभावनाएं दिख रही हैं. अप्रैल 2024 में भारत का मैन्यूएफैक्चरिंग ऑफ टैक्सटाइल इंडेक्स 105.9 पर था. भारत और बांग्लादेश के बीच कितने ही मधुर रिश्ते हों लेकिन ये भी सच है कि बांग्लादेश में मिल रही सस्ती लेबर के चलते टेक्सटाइल कारोबार का बड़ा हिस्सा वहीं से मैन्यूफैक्चरिंग कराना पसंद करता है. भारतीय कंपनियां भी बड़ी संख्या में बांग्लादेश में अपनी मैन्यूफैक्चरिंग भी कराती हैं और एक्सपोर्ट करती हैं. यानी बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति भारत के लिए डबल फायदे का मौका बन रही है.


बांग्लादेश: छोटा देश है पर कपड़ा निर्यात में खासा दबदबा


बांग्लादेश का हर महीने का कपड़ा (एपैरेल) निर्यात 3.5-3.8 बिलियन डॉलर का है. इसका यूरोपियन यूनियन और युनाउटेड किंगडम (UK) में 10 फीसदी से ज्यादा का मार्केट शेयर है. अमेरिका में 10 फीसदी मार्केट शेयर पर बांग्लादेशी एक्सपोर्ट का कब्जा है. इसके बाद भारत की बात करें तो हर महीने करीब 1.3-1.5 बिलियन डॉलर का कपड़ा एक्सपोर्ट किया जाता है.




साल 2030 तक 350 बिलियन डॉलर हो जाएगा भारत का टेक्सटाइल मार्केट


साल 2030 तक भारत का टेक्सटाइल और अपैरेल बाजार का आकार 350 बिलियन डॉलर का होने की उम्मीद है. इसमें सालाना 10 फीसदी सीएजीआर (CAGR) ग्रोथ का अनुमान है. भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा टेक्सटाइल और अपैरेल का एक्सपोर्टर यानी निर्यातक है. दुनिया में कई टेक्सटाइल कैटेगरी में भारत की गिनती टॉप 5 रैंकिंग में होती है और इसका एक्सपोर्ट 100 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है. कपड़ा और टेक्सटाइल इंडस्ट्री देश की जीडीपी में 2.3 फीसदी, इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन में 13 फीसदी और निर्यात में 12 फीसदी योगदान देता है. 2030 तक भारत में कपड़ा उद्योग का जीडीपी में योगदान दोगुना होकर लगभग 5 फीसदी होने का अनुमान है. अभी ये कुल 2.3 फीसदी पर है.


भारत की टेक्सटाइल इंडस्ट्री की तेज ग्रोथ की राह खुली


भारत दुनिया का सबसे बड़ा कपास उत्पादक देश है. कृषि मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए कपास उत्पादन 31.6 मिलियन गांठ होने का अनुमान लगाया था. कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएआई) के मुताबिक बढ़ती मांग के चलते भारत में कपास का उत्पादन 2030 तक 7.2 मिलियन टन (~ 170 किलोग्राम प्रत्येक की 43 मिलियन गांठें) तक पहुंचने का अनुमान है. ग्लोबल स्तर पर अनुमानित 4.6-4.9 फीसदी हिस्सेदारी के साथ साल 2027 तक इसके 30 बिलियन अमेरिकी डॉलर को पार करने की भी उम्मीद है.


बांग्लादेश के गम से भारतीय टेक्सटाइल स्टॉक्स को मिला बूस्ट


रूपा एंड कंपनी (Rupa & Company) का शेयर 2.37 फीसदी, बॉम्बे डाइंग का शेयर 2.19 फीसदी, जॉकी ब्रांड से ईनरवियर बेचने वाली पेज इंडस्ट्रीज (Page Industries) ने आज 0.60 फीसदी के उछाल के साथ ट्रेड बंद किया है. कल के कारोबार में तो डॉलर इंडस्ट्रीज 8 फीसदी से ज्यादा उछला था.


भारत सरकार का क्या कहना है- जानें


केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति को चिंताजनक करार दिया और कहा कि जल्द ही इस संकट से पड़ोसी देश के उबरने की उम्मीद करते हैं. उन्होंने खास तौर पर टेक्सटाइल इंडस्ट्री का जिक्र तो नहीं किया लेकिन इस बात का इशारा किया कि पड़ोसी देश से होने वाले कारोबार पर असर तो पड़ेगा.


बांग्लादेश का ताजा राजनीतिक अपडेट क्या है


ताजा अपडेट के मुताबिक बांग्लादेश में हिंसा के बीच मोहम्मद युनुस अंतरिम सरकार की कमान कल यानी गुरुवार को संभाल लेंगे. मोहम्मद युनुस नोबेल पुरस्कार विजेता और अर्थशास्त्री हैं. बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना ने कई महीनों से जारी राजनीतिक अस्थिरता के बाद 5 अगस्त को अपना इस्तीफा सौंपा और देश छोड़ दिया और इस समय वो भारत में शरण लिए हुए हैं लेकिन जल्द ही वो यहां से किसी और देश जा सकती हैं, ऐसी खबरें हैं.


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