Bank Account Nominee: बैंकों में खाता रखने वाले अकाउंट होल्डर्स के लिए बड़ी खबर है. संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो चुका है और पहले ही दिन अडानी रिश्वत विवाद को लेकर संसद में हंगामा होने के बाद इसे 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है. इसी सत्र में सरकार की देश में बैंकिंग सेक्टर में कई बदलावों को लाने के लिए बैंकिंग अमेंडमेंट बिल को पास कराने की कोशिश होगी.
खाताधारकों के लिए नॉमिनी के नए नियम जल्द
अब जल्द ही बैंक में खाताधारकों के लिए अपने खाते के नॉमिनी को लेकर नए नियम आने वाले हैं. ऐसा संसद में बैंकिंग अमेंडमेंट बिल के पास होने के बाद होगा. सरकार की संसद में बैंकिंग अमेंडमेंट बिल को पास कराने की कोशिश होगी जो इस समय फिलहाल लोकसभा में लंबित है. इससे पहले अगस्त 2024 में केंद्रीय कैबिनेट ने बैंकिंग विधेयक पास किया था.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बैंकिंग अमेंडमेंट बिल को संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान पास कराने की कोशिश करेंगी. इसमें प्रमुख रूप से जो बदलाव होने हैं वो बैंक खातों के लिए भी अहम हैं. बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक 2024 के तहत बैंक अकाउंट के लिए नॉमिनी की संख्या बढ़ाकर चार करने का प्रस्ताव आएगा. संसद में लोकसभा के पटल पर जब बैंकिंग अमेंडमेंट बिल पास किया जाएगा तो इसके बाद सभी के लिए अपने बैंक अकाउंट में 4 नॉमिनेशन करना अनिवार्य हो जाएगा. इस बिल के तहत हर बैंक अकाउंट पर नॉमिनी की लिमिट को बढ़ाकर चार करने का प्रस्ताव है जो कि अभी एक है.
जानिए इस बिल की खास बातें
या तो बैंक अकाउंट होल्डर को नॉमिनी के प्रायोरिटी के आधार पर उन्हें क्रमवार तय करना होगा या फिर वो प्रत्येक नॉमिनी के हिस्से को बैंकिंग नियमों के मुताबिक तय कर सकते हैं. अगर खाताधारक नॉमिनी का विकल्प चुनते हैं तो उन्हें पहले, दूसरे, तीसरे और चौथे नॉमिनी का नाम निर्धारित करना होगा. खाताधारक की मौत के बाद उसके चारों नॉमिनी में से क्रमवार तरीके से खाते का अधिकार उनको मिलेगा. पहले, दूसरे या तीसरे नॉमिनी के बाद जो अगला जीवित नॉमिनी होगा, उसको खाते का हक मिलेगा.
चारों नॉमिनी के हिस्सों को बांटकर हर एक नॉमिनी को खाते की रकम का कुछ निश्चित हिस्सा दिया जा सकता है. इसमें प्रायोरिटी की जरूरत नहीं होगी और हर नॉमिनी को खाते की रकम, ब्याज आदि का तयशुदा हिस्सा मिल जाएगा.
अगस्त 2024 में केंद्रीय कैबिनेट ने पास किए गए बैंकिंग विधेयक में कई कानूनों में संशोधन किया गया है, इनमें शामिल हैं-
भारतीय रिजर्व बैंक एक्ट, 1934
बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट, 1949
भारतीय स्टेट बैंक एक्ट, 1955
बैंकिंग कंपनियां (उपक्रमों का अधिग्रहण और हस्तांतरण) एक्ट, 1970 और 1980
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