पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) ने एनपीएस सब्सक्राइबर्स के हितों को प्रोटेक्ट करने के लिए और विड्रोल के मामले में राशि समय पर क्रेडिट करने के लिए  'पेनी ड्रॉप' सिस्टम अपनाने के आदेश दिए हैं. इससे बैंक अकाउंट का जल्द वैरीफिकेशन हो सकेगा.  


नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) सब्सक्राइबर पैसे निकालने के लिए बैंक खाता संख्या और आईएफएससी कोड सहित आवश्यक डिटेल उपलब्ध कराता है जिसमें पैसा डिपॉजिट करना होता है. एक बार विड्रोल रिक्वेस्ट वैरीफाई और सेंट्रल रिकॉर्ड कीपिंग (सीआरए) सिस्टम ऑथराइज हो जाने के बाद पैसा इलेक्ट्रॉनिक मोड के माध्यम से सब्सक्राइबर के बैंक खाते में जमा किया जाता है.


पेनी ड्रॉप प्रोसेस से अकाउंट के एक्टिव स्टेटस का चलता है पता
हालांकि कुछ मामलों में अकाउंट से संबंधित कई इश्यूज जैसे इन वैलिड अकाउंट नंबर, अकाउंट टाइप गलत आएफएसी कोड, निष्क्रिय अकाउंट, नाम मिसमैच होने   के कारण ग्राहकों का पैसा बचत बैंक खाते में जमा नहीं होता है.


'पेनी ड्रॉप' प्रक्रिया के जरिए  सेंट्रल रिकॉर्ड एजेंसी बचत बैंक खाते के एक्टिव स्टेट्स की जांच करती हैं और बैंक अकाउंट नंबर में नाम को PRAN (परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर) में नाम के साथ या जमा किए गए दस्तावेजों के अनुसार मैच करती हैं. लाभार्थी की अकाउंट में टेस्ट ट्रांजेक्शन के लिए एक तय राशि डालकर और पेनी ड्रॉप रिस्पॉन्स के आधार पर नाम का मिलान और अकाउंट की वैधता को वैरीफाई किया जाता है.


अकाउंट में जमा किया जा सकता है 1 रुपया
पेनी ड्रॉप प्रोसेस के रूप में एनपीएस लाभार्थी के बचत खाते में 1 रुपये जमा किया जा सकत है. 'पेनी ड्रॉप' विड्रोल अनुरोध की प्रोसेसिंग के समय किया जा सकता है. सीआरए रिकॉर्ड के अनुसार बचत खाता संख्या, नाम की जांच के सत्यापन के आधार पर सेवा प्रदाता द्वारा सक्सेस या फेल्योर का रिपॉन्स  मिलेगा.


पेनी ड्रॉप प्रोसेस फेल होने पर फिर करना होगा आवेदन
 यदि बैंक खाते का विवरण और अन्य डिटेल सही नहीं हैं तो रिकॉर्ड को अपडेट करने के लिए वैकल्पिक अकाउंट नंबर या एडिशनल डोक्यूमेंट जमा करने होंगे. यदि प्रोसेसिंग के समय पेनी ड्रॉप फेल हो जाता है तो सब्सक्राइबर को बैंक खाता संख्या को करेक्ट करने और विड्रोल के लिए आवेदन फिर से जमा कराने के लिए कहा जाएगा.
 
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