Silver Loans: सिल्वर लोन के लिए नहीं हैं स्पष्ट नियम, आरबीआई से बैंक करने वाले हैं ये मांग
Silver Loan Guidelines: पिछले एक साल के दौरान चांदी के निर्यात में काफी तेजी आई है. इसे देखते हुए सर्राफा कारोबारी चांदी खरीदने और आभूषण बनाने के लिए बैंकों से कर्ज देने की मांग कर रहे हैं...
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पिछले कुछ समय में चांदी (Silver) और चांदी के आभूषणों (Silver Jewellery) के निर्यात में तेजी आई है. इस कारण सर्राफा कारोबारी (Bullion Traders) चांदी खरीदने और इसके आभूषण बनाने के लिए बैंकों से कर्ज की लगातार मांग कर रहे हैं. हालांकि नियमों के स्पष्ट नहीं होने के चलते बैंकों को इसमें दिक्कतें हो रही है. इसे देखते हुए बैंकों ने आरबीआई से गोल्ड मेटल लोन (Gold Metal Loan) की तरह सिल्वर मेटल लोन (Silver Metal Loan) के लिए भी नियमों व दिशा निर्देशों को स्पष्ट करने की मांग की है.
आरबीआई के सामने रखेंगे बात
इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि पिछले एक साल में चांदी के निर्यात में काफी तेजी आई है. यही कारण है कि देश के सर्राफा कारोबारी बैंकों से चांदी व चांदी के सामानों को खरीदने तथा इनके आभूषण बनाने के लिए बैंकों से कर्ज की मांग कर रहे हैं. सूत्रों ने बताया कि बैंकों ने पिछले महीने एक बैठक में यह मुद्दा रिजर्व बैंक के सामने उठाने का निर्णय लिया.
दिख रही है कर्ज की काफी मांग
खबर के अनुसार, चांदी का निर्यात 25 हजार करोड़ रुपये के करीब पहुंच चुका है. इस सेक्टर में कर्ज की काफी मांग है. ऐसे में जिस तरह से सोने की खरीद और सोने के आभूषणों के विनिर्माण के लिए कर्ज देने की स्पष्ट रूपरेखा है, वैसा ही चांदी के मामले में भी तैयार करने की जरूरत है. रिजर्व बैंक के मौजूदा नियमों के अनुसार, नामांकित बैंकों को सोना आयात करने का अधिकार मिला हुआ है. जो बैंक गोल्ड मनीटाइजेशन स्कीम 2015 में शामिल हैं, वे सोने के आभूषणों का निर्यात करने वाले या इन्हें बनाने वाले घरेलू कारोबारियों को गोल्ड मेटल लोन दे सकते हैं.
गहनों के अलावा यहां भी इस्तेमाल
चांदी भी सोने की तरह महंगी धातुओं में गिनी जाती है. चांदी का आभूषणों के अलावा बड़े पैमाने पर औद्योगिक इस्तेमाल होता है. इस कारण चांदी के ऊपर सोने के अलावा औद्योगिक धातुओं के ट्रेंड का भी असर होता है. रिपोर्ट के अनुसार, बैंकिंग जगत के कई लोगों का मानना है कि चांदी के आभूषणों का विनिर्माण और उनका निर्यात वैसा ही है, जैसा सोने के गहनों का. ऐसे में अगर सेंट्रल बैंक स्पष्ट दिशानिर्देश तय करता है तो मैन्यूफैक्चरर या ट्रेडर मौजूदा नियमों का उल्लंघन नहीं कर पाएंगे.
आगे भी बनी रहेगी तेजी
जेम ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल यानी जीजेईपीसी के ताजा आंकड़े बताते हैं कि वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान चांदी के आभूषणों का निर्यात 16.02 फीसदी बढ़कर 23,492.71 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. साल भर पहले चांदी के 20,248.09 करोड़ रुपये के गहनों का निर्यात हुआ था. चांदी के बाजार में आने वाले सालों के दौरान भी तेजी बरकरार रहने की उम्मीद है.
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