RBI Data on Bank Credit Growth: बैंकिंग क्रेडिट ग्रोथ में बदलते वक्त के साथ बड़े बदलाव आए हैं. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India) ने बुधवार को अपनी रिपोर्ट में यह खुलासा किया है कि पिछले एक दशक में बैंक के इंडस्ट्रियल लोन (Industrial Loan) की हिस्सेदारी धीरे-धीरे घट रही है, वहीं पर्सनल लोन (Personal Loan) की हिस्सेदारी में बढ़ोतरी दर्ज ही जा रही हैं. आरबीआई की रिपोर्ट (RBI Report on Bank Credit) के अनुसार मार्च 2022 तक बैंक क्रेडिट का इंडस्ट्रियल और पर्सनल की कुल हिस्सेदारी 27-27% रही है. पिछले साल की गिरावट के बाद इस साल इंडस्ट्रियल लोन में 4.7% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. सितंबर की शुरुआत में ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कॉरपोरेट सेक्टर को मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर (Manufacturing Sector) में अपने निवेश बढ़ाने की सलाह दी थी जिससे देश की इकॉनमी में तेजी से बढ़त दर्ज की जा सके.
प्राइवेट बैंकों ने बांटे ज्यादा लोन
आरबीआई की रिपोर्ट से यह पता चला है कि हाल के कुछ सालों में प्राइवेट बैंक (Private Bank) ने अपने कर्ज की हिस्सेदारी को तेजी से बढ़ाया है. इसके साथ ही मार्केट में रिटेल सेक्टर में कर्ज की मांग में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. इसके साथ ही छोटा कर्ज लेने वालों की संख्या में भी इजाफा हुआ है. रिपोर्ट में यह पता चला है कि मार्च 2022 तक 1 करोड़ रुपये से कम के कर्ज की हिस्सेदारी 48% तक पहुंच गई है. वहीं साल 2021 में छोटे कर्ज की हिस्सेदारी केवल 39% की ही थी. वहीं पिछले साल 10 करोड़ रुपये के कर्ज की हिस्सेदारी 40% थी जो इस साल बढ़कर 49% तक पहुंच गए हैं.
इसके साथ ही इस रिपोर्ट से यह भी पता चला है कि बैंक क्रेडिट में सरकारी बैंकों की हिस्सेदारी तेजी से घट रही है और प्राइवेट बैंक की हिस्सेदारी बढ़ रही है. सरकारी बैंकों का क्रेडिट हिस्सेदारी मार्च 2022 तक 54.8% तक रहा है. पिछले साल यह 65.80% और दस साल पहले तक 74.20% तक था. वहीं प्राइवेट बैंक ने पिछले 10 सालों में करीब दो गुना लोन बांटे हैं. फिलहाल उनकी हिस्सेदारी 36.90% तक पहुंच गई है.
बड़े शहरों के बैंक में दर्ज की गई ग्रोथ
आपको बता दें कि आरबीआई की डेटा से यह भी पता चला है कि मेट्रो शहरों की ब्रांच में जबरदस्त बढ़ोतरी दर्ज की गई है. यह 1.4% के बजाय इस साल 9.2% की दर से ग्रो कर रहा है. वहीं अर्बन, सेमी-अर्बन और ग्रामीण इलाकों के ब्रांच में क्रेडिट ग्रोथ की रफ्तार पहले की तरह ही बनी हुई है और यह अभी भी डबल डिजिट में बना हुआ है. बैंकों के क्रेडिट में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी 26.2% महाराष्ट्र की रही है.वहीं दिल्ली दिल्ली-एनसीआर की हिस्सेदारी 11.3%, तमिलनाडु की 9.2% और कर्नाटक की हिस्सेदारी 6.8% रही है.
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