होम सस्ता होने की वजह से बैंकों की ओर दिए जाने वाले कर्ज में इस सेगमेंट में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. होम लोन की ब्याज दरें घटने और छोटी होम फाइनेंस कंपनियों के पास कैश संकट होने की वजह से बैंकों की ओर से होम लोन का आवंटन 66 से बढ़ कर 75 फीसदी हो गया है. दरअसल बड़े बैंक होम लोन सेगमेंट छोटी फाइनेंस कंपनियों के बाजार पर कब्जा करते जा रहे हैं. एसबीआई को होम लोन इंटरेस्ट घट कर 6.8 फीसदी पर पहुंच चुका है. वहीं एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक की होम लोन दरें भी घटी हैं.


कॉरपोरेट लोन की मांग घटी


बैंकों के लोन में कॉरपोरेट हिस्सेदारी घट रही है. चूंकि कॉरपोरेट सेक्टर से लोन डिमांड कम हो गई है इसलिए बैंकों ने अपना पूरा जोर होम लोन सेगमेंट में लगाया है. वित्त वर्ष 2019-20 में होम लोन में बैंकों की हिस्सेदारी 65 फीसदी थी और एनबीएफसी कंपनियों की 35 फीसदी. लेकिन वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान अब तक होम लोन सेगमेंट में बैंकों को हिस्सेदारी बढ़ कर 75 फीसदी हो गई है जबकि होम फाइनेंस कंपनियों की हिस्सेदारी घट कर 25 फीसदी रह गई है. दरअसल देश की तीसरी बड़ी होम फाइनेंस कंपनी डीएचएफएल के दिवालिया होने से भी होम फाइनेंस कंपनियों की इस सेगमेंट में हिस्सेदारी कम हुई है.


निजी बैंकों के होम लोन सेगमेंट में इजाफा 


एचडीएफसी बैंक का कहना है कि होम लोन सेगमेंट में हाल के दिनों में उसकी ग्रोथ काफी अच्छी रही है. यह उम्मीद से कहीं ज्यादा है. होम लोन की ब्याज दरें न्यूनतम स्तर पर होने और आक्रामक मार्केटिंग की वजह से बैंक के होम लोन सेगमेंट की हिस्सेदारी बढ़ती जा रही है. प्रॉपर्टी की कीमतें स्थिर रहने की वजह से भी होम लोन सेगमेंट की हिस्सेदारी बढ़ी है.


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