RBI On NPA: बैंकों का एनपीए घटकर आया 5 फीसदी के लेवल पर, सात साल में सबसे कम
RBI Data: आरबीआई के मुताबिक ग्रॉस एनपीए 7 साल के निचले लेवल 5 फीसदी और नेट एनपीए 10 साल के निचले लेवल 1.3 फीसदी पर आ चुका है.
RBI Financial Stability Report: बैंकों के एनपीए (NPA) में गिरावट आई है. आरबीआई ने फाइनैंशियल स्टैबलिटी रिपोर्ट जारी किया है जिसके मुताबिक बैंकों का सकल एनपीए यानि फंसा हुआ कर्ज 7 वर्षों के निचले लेवल 5 फीसदी पर आ गया है. आरबीआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि बैंकिंग सिस्टम मजबूत है और उसके पास पर्याप्त पूंजी उपलब्ध है.
आरबीआई ने फाइनैंशियल स्टैबलिटी रिपोर्ट (एफएसआर) के 26वें एडिशन में कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था बड़े पैमाने पर मंदी के जोखिम के साथ विपरीत हालात का सामना कर रही है. लगातार मिल रहे कई झटकों के चलते वित्तीय स्थिति सख्त हो गई है और वित्तीय बाजारों में अस्थिरता बढ़ गई है. रिपोर्ट में कहा गया, भारतीय अर्थव्यवस्था विपरीत वैश्विक हालात का सामना कर रही है. बावजूद इसके मजबूत व्यापक आर्थिक बुनियाद और स्वस्थ वित्तीय और गैर-वित्तीय क्षेत्र के मजबूत बैलेंसशीट के चलते फाइनैंशियल प्रणाली बेहतर स्थिति में है.
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने रिपोर्ट की प्रस्तावना में कहा कि केंद्रीय बैंक वैश्विक जोखिमों के चलते अस्थिरता की आशंका को पहचानता है. उन्होंने कहा, ''रिजर्व बैंक और अन्य वित्तीय नियामक भारतीय अर्थव्यवस्था के सर्वोत्तम हित में, जब भी जरूरी हो, उचित हस्तक्षेप के जरिए वित्तीय प्रणाली की स्थिरता और सुदृढ़ता सुनिश्चित करने के लिए सतर्क और तत्पर रहते हैं.
आरबीआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि बैंकों के बेहतर एसेट क्वालिटी, बढ़ता मुनाफा, पूंजी और नगदी की उपलब्धता के चलते निवेश के चक्र में सुधार और कर्ज की मांग में बढ़ोतरी देखी जा रही है.
इससे पहले आरबीआई ने कहा कि भारत का चालू खाते का घाटा (Current account deficit ) वित्त वर्ष 2022-23 की दूसरी तिमाही में में बढ़कर 36.4 अरब डॉलर पर जा पहुंचा है. दूसरी तिमाही में चालू खाते का घाटा अप्रैल-जून यानि पहली तिमाही के 18.2 अरब डॉलर के मुकाबले दोगुनी बढ़ोतरी आई है जबकि 2021-22 की तीसरी तिमाही के मुकाबले 4 गुना बढ़ गया है.
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